दुर्ग। जिले के रिसाली में भी कांग्रेस की शहर सरकार बन गई है। पार्षदों ने वार्ड-9 से पार्षद चुनी गईं शशि सिन्हा (Shashi Sinha) शहर की नई मेयर होंगी। इसके साथ ही सभापति पद के लिए केशव बंछोर (Keshav Banchore) काे चुना गया है। शशि सिन्हा पहली बार जीत कर आई हैं, जबकि केशव तीन बार के पार्षद हैं।
महापौर पद के लिए 3 उम्मीदवारों और अध्यक्ष पद के लिए 2 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। मेयर पद के लिए निर्दलीय सुनंदा चंद्राकर, भाजपा से रमा साहू और कांग्रेस से शशि सिन्हा दावेदार थीं। जबकि अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से धर्मेंद्र भगत और कांग्रेस से केशव बंछोर दावेदार थे। कांग्रेस उम्मीदवार शशि सिन्हा को 27 वोट मिले, जबकि भाजपा की रमा साहू को महज 9 और निर्दलीय सुनंदा चंद्राकर को 4 वोट से संतोष करना पड़ा। वहीं अध्यक्ष के लिए कांग्रेस को 27 और भाजपा को 13 वोट मिले।
इससे पहले निगम के पहले चुनाव में नव निर्वाचित पार्षदों ने बुधवार सुबह अपने पद और गोपनीयता की शपथ ली। निर्वाचन अधिकारी डॉ. एसएन भुरे ने कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए पांच-पांच पार्षदों को शपथ दिलवाई। शपथ ग्रहण कार्यक्रम पूरा होने के बाद कांग्रेसी पार्षद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के साथ निकल गए थे। थोड़ी देर बाद लौटे तो मेयर और सभापति पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया को पूरा किया गया।
भिलाई से अलग होकर पहली बार अस्तित्व में आए 40 सीटों वाले इस निगम में कांग्रेस 21 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत में है। जबकि सात में से पांच निर्दलीय भी साथ होने का दावा कांग्रेस ने किया था। वहीं दूसरी ओर बीजेपी सांसद विजय बघेल ने कहा था कि कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत है इसके बाद भी वह निर्दलियों का सहारा ले रही है। कांग्रेस को अपने ही पार्षदों पर विश्वास नहीं है। इसीलिए वह उन्हें लेकर अज्ञातवास में घूम रही है। उनको पूरे घेराबंदी के साथ ही शपथ ग्रहण में ले जाया जा रहा है। यह पार्षदों का अपमान है।
भाजपा नेताओं का कहना था कि वह अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी और नॉकआउट नहीं करेगी। बीजेपी की बात करें तो उसके पास अभी 15 पार्षद ही हैं। उसे बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए 6 पार्षदों की और जरूरत पड़ेगी। रिसाली नगर निगम में महापौर और सभापति पद अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित किया गया है।
अज्ञातवास पर गए सभी कांग्रेस पार्षद लौटे
रिसाली नगर निगम में कांग्रेस से चुने गए 21 और समर्थन देने वाले 5 निर्दलीय पार्षद रविवार से ही अज्ञातवास पर हैं। सभी पार्षदों को मध्यप्रदेश के एक धार्मिक पर्यटन स्थल पर ठहराया गया है। वहां लग्जरी लाइफ जीने के बाद मंगलवार रात या फिर बुधवार सुबह 9 बजे तक सभी पार्षद भिलाई पहुंच गए हैं। सुबह 10 बजे सभी रिसाली निगम पहुंचेंगे और अपने पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे।