नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के फिरोजपुर दौरे से पहले हुए रूट लीक होने की पुष्टि हो गई है. रास्ता रोकने वाले प्रदर्शनकारी एक वीडियो में बोले कि रूट का पता चलते ही माइक पर आवाज देकर भीड़ बुला ली गई थी. साथ ही वीडियो पुलिस तो वहां पर साथ खड़ी चाय पीती रही. भीड़ को नहीं हटाया गया. साथ ही प्रदर्शनकारी ने कहा कि पीएम का रूट क्लियर करवाना छोड़ पंजाब पुलिस के अफसर और कर्मचारी चाय की चुस्कियां ले रहे थे.
प्रदर्शनकारियों ने कैमरे के सामने माना सच
प्रदर्शनकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर पहुंचने के रूट के बारे में प्रदर्शनकारियों को पहले ही पता चल चुका था. इसके बाद उन्होंने बगल के गांव प्यारेआणा में माइक से अनाउंसमेंट कर भीड़ इकट्ठी की और पूरी सड़क जाम कर दी गई, तब तक कई किसान संगठन भी वहां आ चुके थे. प्रदर्शनकारियों ने खुद कैमरे के सामने माना कि पहले वह सिर्फ रैली में जा रही भाजपा वर्करों की बसों को रोक रहे थे.
प्रदर्शनकारियों को नहीं मालूम यह बात
आपको बता दें कि प्रदर्शनकारी वीडियो में पीएम को सीएम चन्नी बोल रहे हैं. वीडियो के मुताबिक उन्हें यह नहीं पता था कि मुख्यमंत्री चन्नी उस काफिले में नही हैं. इससे पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस की नियत पर सवाल खड़े हो गए हैं.
मैसेज कर बुलाई गई भीड़
प्रधानमंत्री मोदी के रूट पर प्रदर्शन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि हमने पुल जाम कर रखा था. हमने भाजपा वर्करों के काफिले को रोक लिया था. इसके बाद जैसे ही हमें पता चला कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का काफिला बठिंडा रोड से मोगा हाइवे पर इस रूट से आ रहे हैं तो तुरंत नजदीकी गांव प्यारेआणा के स्पीकरों से आवाज दी गई कि काफिला यहां से आ रहा है. इसके अलावा सबको मैसेज भेजकर बुलाया गया. जिसके बाद हमने ट्रॉली लगाकर फ्लाई ओवर को पूरी तरह जाम कर दिया. इसके बाद काफिले को वहां से वापस लौटना पड़ा.
पुलिस वालों नहीं निभा रहे ड्यूटी
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री का रूट बिना किसी बाधा वाला होता है, लेकिन पंजाब पुलिस की इसे सुनिश्चित करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी. ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि पीएम का रूट क्लियर करवाने के बजाय पंजाब पुलिस के अफसर और जवान भी लोगों को रोकने की बजाय प्रदर्शनकारियों के साथ लगे हुए हैं. इसमें दिख रहा है कि पुलिस वालों की जाम खुलवाने में कोई दिलचस्पी नहीं है बल्कि वे वहां सिर्फ ड्यूटी के नाम पर खानापूर्ति कर रहे थे.
जानबूझकर लीक किया गया रूट का प्लान
भाजपा नेताओं ने भी आरोप लगाया कि 10 मिनट पहले तक वहां कोई जाम नहीं था. जैसे ही पीएम मोदी के सड़क मार्ग से आने का पता चला तो यह सूचना लीक कर दी गई. जिसके बाद वहां सड़क पर जाम लग गया. सरकार के इशारे पर ही जानबूझकर पीएम का रास्ता जाम करवाया गया.