कल वरद गणेश चतुर्थी है। यह पौष माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है। इस दिन विघ्नहर्ता यानी संकट को दूर करने वाले भगवान गणेश जी पूजा करने का विधान है। दैविक काल से भगवान गणेश जी की सर्वप्रथम पूजा की जाती है। आसान शब्दों में कहें तो शुभ कार्य की शुरुआत श्री गणेशाय नमः से की जाती है। अतः नववर्ष के प्रथम चतुर्थी को सच्ची श्रद्धा और भक्तिभाव से भगवान की पूजा करने पर जीवन में व्याप्त सभी दुखों को लंबोदर हर लेते हैं। इस दिन विशेष उपाय करने का भी विधान है। अगर आप भी भगवान गणेश को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो वरद चतुर्थी के दिन ये उपाय जरूर करें। आइए जानते हैं
1 वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
2.
गजाननं भूतगणाधिसेवितं,
कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम्।
उमासुतं शोकविनाशकारकम्न,
मामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥
3.
ऐसी मान्यता है कि शमी पेड़ की पूजा अर्चना करने से भगवान गणेश जी प्रसन्न होते हैं। अतः वरद गणेश चतुर्थी के दिन शमी पेड़ की पूजा करें
4.
भगवान गणेश को सिंदूर बेहद प्रिय है। अत: वरद गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को प्रणाम कर दूर्वा और सिंदूर उनके चरणों में अर्पित करें। इससे भगवान गणेश की कृपा आप पर जरूर बरसेगी।
5.
भगवान गणेश को मोदक और लड्डू अति प्रिय है। इसके लिए वरद गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को मोदक या लड्डू अवश्य भोग लगाएं।
6.
अगर आप सुख और समृद्धि की कामना करते हैं, तो वरद चतुर्थी को भगवान गणेश को लाल फूल अर्पित करें। अब अगले दिन इस फूल को अपने पर्स में रख लें। इससे विषम परिस्थिति में भी भगवान गणेश की कृपा बनी रहती है। पूजा का समापन आरती से करें