नई दिल्ली। पंजाब (Punjab) के फिरोजपुर में बीते 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सुरक्षा में हुई चूक (Security Breach) के मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सख्त रवैया अपनाया। सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि ये Rarest Of The Rare केस है। इसकी पुनर्रावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
काफिले का रूकना ही गलत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपनी कमेटी पर विचार करे। पीएम मोदी का काफिला रुकना गलत है।
पीएम की सुरक्षा वैधानिक जिम्मेदारी
याचिकाकर्ता एनजीओ की ओर से सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एसपीजी एक्ट पढ़ा। उन्होंने कहा कि ये केवल कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है बल्कि एसपीजी एक्ट के तहत एक मुद्दा है। ये एक वैधानिक जिम्मेदारी है, इसमें कोताही नहीं बरती जा सकती है।
होनी चाहिए सख्त कार्रवाई
एडवोकेट मनिंदर सिंह ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मसला है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भारी चूक हुई है। इस मामले में स्पष्ट जांच जरूरी है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए यह निर्देश
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को निर्देशित किया है कि पीएम दौरे से संबंधित सभी दस्तावेज सुरक्षित रखें जाएं।