दुनियाभर में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। भारत के संदर्भ में बाते करें तो यहां पिछले एक हफ्ते से स्थिति तेजी से बिगड़ती जा रही है, पिछले दिन देश में संक्रमितों के एक लाख से ज्यादा मामले रिकॉर्ड किए गए। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए देशभर में तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं, स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को लगातार कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करते रहने की सलाह दे रहे हैं। ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण के मामले भले ही हल्के दिखाई दे रहे हैं, हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी तेजी से बढ़ता संक्रमण काफी चिंताजनक है।
अध्ययनों में पाया गया है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण लोगों में कमोबेश डेल्टा जैसे ही लक्षण देखने को मिल रहे हैं, हालांकि कुछ संक्रमितों में अलग लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं। इसके अलावा हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने रोगियों की त्वचा, होंठ और नाखूनों पर दिखाई देने वाले लक्षणों के बारे में बताया है। आइए आगे की स्लाइडों में इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
डेल्टा से कुछ अलग हैं ओमिक्रॉन के लक्षण
अमेरिकन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक कोविड-19 के नए सुपर म्यूटेंट स्ट्रेन से संक्रमित लोगों में कई तरह के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। ओमिक्रॉन संक्रमितों में डेल्टा से अलग, रोगियों के गले में खरोंच के साथ दर्द, रात में अधिक पसीना आने की समस्या देखी गई है। हां, इस बार संक्रमितों में स्वाद-गंध की कमी के मामले फिलहाल देखने को नहीं मिले हैं।
होंठ और नाखूनों पर संक्रमण के संकेत
सीडीसी की एक रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने बताया कि ओमिक्रॉन से संक्रमित कुछ लोगों की त्वचा, होंठ और नाखूनों के रंग में परिवर्तन देखने को मिला है। त्वचा पर पीले, ग्रे या नीले रंग के धब्बे या होंठ और नाखून पर भी ऐसे ही धब्बे निशान दिखाई दे सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि त्वचा के रंग में परिवर्तन का मुख्य कारण रक्त में ऑक्सीजन के स्तर की कमी हो सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे संकेत तत्काल चिकित्सकीय सहायता की जरूरतों की तरफ इशारा करते हैं।
ऑक्सीजन की कमी के संकेत
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वैसे तो ओमिक्रॉन संक्रमितों में डेल्टा की तरह ऑक्सीजन की कमी के मामले फिलहाल देखने को नहीं मिल रहे हैं, हालांकि त्वचा और नाखूनों के रंग में बदलाव इसी तरफ इशारा है, जिसे लेकर अलर्ट रहने की आवश्यकता जरूर है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी निश्चित ही गंभीर स्थिति है, इसको लेकर इलाज कर रहे डॉक्टर्स को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। ऑक्सीजन की कमी के कारण डेल्टा संक्रमितों में गंभीर जटिलताएं देखने को मिली थीं।