ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। एक बार फिर कोरोना अपना कहर बरपा रहा है, वहीँ रोजाना संक्रमितों के आकड़ो में बढ़त देखने को मिल रही है। पिछले 24 घंटों में पूरी दुनिया में 26.96 लाख नए कोरोना केस मिले हैं। ये मामले ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variants) के कारण आई लहर के कारण बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ओमिक्रॉन (Omicron) पहले ही कोविड से रिकवर हो चुके मरीजों को भी अपनी चपेट में लेता है? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इसका जवाब हां है।
WHO का कहना है कि कोरोना रिकवरी के बाद भी ओमिक्रॉन (Omicron) से दोबारा इन्फेक्शन होने का खतरा होता है। ये वैरिएंट हमारे इम्यून सिस्टम को बहुत आसानी से चकमा दे सकता है। यानी अगर आपको पिछले दो सालों में कोरोना हुआ है, तो भी आपके ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की पूरी संभावना है।
कोरोना से रिकवरी के बाद 4-5 गुना ज्यादा खतरा
WHO के अनुसार, जिन लोगों को पहले कोरोना हो चुका है, उन्हें डेल्टा (Delta) के मुकाबले ओमिक्रॉन होने का खतरा 4-5 गुना ज्यादा है। इसका कारण- मरीजों का इम्यून सिस्टम ओमिक्रॉन की तुलना में डेल्टा वैरिएंट को जल्दी पहचान लेता है। ओमिक्रॉन में कुछ ऐसे म्यूटेशन्स मौजूद हैं, जिनके चलते इम्यून सिस्टम इसे आसानी से नहीं पकड़ पाता।
वैक्सीनेटेड लोगों को भी ओमिक्रॉन का खतरा
WHO यूरोप के रीजनल डायरेक्टर हैंस हेनरी पी क्लुगे कहते हैं कि ओमिक्रॉन किसी भी इंसान को अपनी चपेट में ले सकता है। इनमें बच्चे, बूढ़े, जवान, कोरोना से रिकवर हुए, वैक्सीनेटेड (vaccinated) और अनवैक्सीनेटेड (unvaccinated) लोग शामिल हैं।
इन बातों का रखे विशेष ध्यान
ये वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। अगर गंभीर रूप से बीमार होने से बचना है तो वैक्सीन लगवाना, पर्याप्त टेस्टिंग करना, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करना, अस्पतालों में सारे प्रबंध करना और हेल्थकेयर वर्कर्स को सपोर्ट करना बहुत जरूरी है। क्लुगे की मानें तो हर 5 में से 1 हेल्थकेयर वर्कर आज डिप्रेशन और चिंता का शिकार है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी ये परेशानियां कोरोना महामारी की ही देन हैं।