पूरे दिन शावको को सीने से लिपटाये रखती है मादा भालू, शाम होते ही निकलती है विचरण के लिए,गोबर गैस टैंक मे शावको के साथ दिनभर मादा भालू की उपस्थिति, ग्रामीणो मे छोटे -छोटे बच्चो की सुरक्षा को लेकर दहशत
मैनपुर – तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 10 किमी दूर एक गांव के बीचो बीच घरो मे रसोई के लिए बनाये गये गोबर गैस टैंक मे लगभग एक माह पूर्व एक मादा भालू ने दो शावक को जन्म दिया है और दिनभर मादा भालू गांव के बीचो बीच बने इस गोबर गैस टैंक मे अपने दोनो शावक को सीने से लिपटाये रखती है शाम होते ही मादा भालू विचरण के लिए टैंक से बाहर निकल रही है। लगातार पिछले एक माह से वन विभाग के स्थानीय अधिकारियो और कर्मचारियो के द्वारा इस कड़ाके के ठंड मे मादा भालू और उसके शावक की सुरक्षा को लेकर पसीना बहाते देखा जा सकता है।
एक माह होने के बाद भी मादा भालू द्वारा अपने शावको को टैंक से बाहर निकालकर जंगल की तरफ नही ले जाने से अब स्थानीय ग्रामीणो मे अपने छोटे -छोटे बच्चो की सुरक्षा को लेकर दहशत देखने को मिल रहा है क्योकि मादा भालू दिनभर गोबर गैस टैंक के भीतर उपस्थित रहती है और आसपास गांव के बच्चे व ग्रामीणो का आना जाना लगा रहता है कही अचानक मादा भालू और ग्रामीणो का आमना सामना न हो जाये इसलिए ग्रामीणो मे डर देखने को मिल रहा है।