देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए बिगूल फूंका जा चुका है। इन पांच राज्यों में गोवा भी शामिल है। चुनाव से पहले सत्तारुढ़ भाजपा को एक जोरदार झटका लगा है। राज्य के कैबिनेट मंत्री व विधायक माइकल लोबो ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मंत्री पद के साथ ही विधायक पद से भी त्यागपत्र दे दिया है।
लोबो ने आरोप लगाया कि भाजपा पूर्व सीएम दिवंगत मनोहर पर्रिकर की विरासत को भूल गई है और उनके समर्थक कार्यकर्ताओं को हाशिये पर किया जा रहा है। इस्तीफा देने के बाद लोबो ने उम्मीद जताई कि गोवा के कलंगट विधान सभा क्षेत्र की जनता मेरे इस फैसले का सम्मान करेंगे। अगले कदम के बारे में जल्द निर्णय करेंगे। मेरी अन्य दलों के साथ बातचीत चल रही है। जिस तरह से व्यवहार हो रहा था उससे मैं दुखी हूं। पार्टी के कार्यकर्ता भी खुश नहीं हैं।
मैंने गोवा कैबिनेट और विधायक दोनों से इस्तीफा दे दिया है। हम तय करेंगे कि किस पार्टी से लड़ना है या स्वतंत्र लड़ना है। BJP में कार्यकर्ताओं की कोई अहमियत नहीं है। मनोहर पर्रिकर का जो मार्गदर्शन था वो अब पार्टी में आगे नहीं जा रहा है, उनके समर्थकों को दरकिनार कर दिया है:माइकल लोबो https://t.co/osy6PFntF3 pic.twitter.com/BvnxXN75qL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 10, 2022
इस्तीफे के बाद पत्रकारों से बात करते हुए लोबो ने कहा कि वह पार्टी के कामकाज से नाराज हैं। हालांकि, उन्होंने अपने फैसले के लिए केंद्र या राज्य के नेताओं को दोष नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मैं अपने साथ हो रहे व्यवहार से परेशान था। जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की अनदेखी होती है। मैंने अपनी आंखों से देखा है, कानों से सुना है। पार्टी इतनी बड़ी हो गई है कि उसे अब जमीनी कार्यकर्ताओं के योगदान का कद्र नहीं है। कई लोग मेरे पास शिकायत करने आए थे। पार्टी में उतार-चढ़ाव होते हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं हो सकती है।
कई दलों के संपर्क में लोबो
लोबो ने कहा कि वह कई राजनीतिक दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं, लेकिन उनका भविष्य क्या है, इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। लोबो, प्रमोद सावंत कैबिनेट के अधिक मुखर सदस्यों में से एक थे। इस्तीफा देने वाले तीसरे ईसाई विधायक हैं। उनका कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद से पार्टी ने एक अलग मोड़ लिया है।