यूपी विधानसभा चुनाव से पहले BJP को बड़ा झटका लगा है। योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। इसके कुछ देर बाद ही उन्होंने सपा का दामन थाम लिया। स्वामी प्रसाद के समर्थन में विधायक बृजेश प्रजापति, भगवती प्रसाद सागर और रोशन लाल वर्मा ने भी BJP का साथ छोड़ दिया है।
अब चर्चा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा मंत्री धर्म सिंह सैनी समेत 4 और MLA सपा जॉइन कर सकते हैं। भाजपा खेमे में मची भगदड़ पर अखिलेश यादव ने कहा कि बाइस में सबके मेल मिलाप से सकारात्मक राजनीति का ‘मेला होबे’। भाजपा की ऐतिहासिक हार होगी।
दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं। pic.twitter.com/ubw4oKMK7t
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 11, 2022
राज्यपाल को भेजा इस्तीफा
मौर्य ने अपने इस्तीफे में लिखा, ”माननीय राज्यपाल जी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है। किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।”
अखिलेश ने किया स्वागत
स्वामी प्रसाद मौर्य के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके साथ एक तस्वीर शेयर की और लिखा- ‘सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!’
सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!
सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा#बाइसमेंबाइसिकल pic.twitter.com/BPvSK3GEDQ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 11, 2022
डिप्टी सीएम ने कहा
डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने स्वामी प्रसाद के इस्तीफे को जल्दबाजी में लिया गया फैसला करार दिया है। उन्होंने लिखा,’ आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है मैं नहीं जानता हूं उनसे अपील है कि बैठकर बात करें। जल्दबाजी में लिए हुए फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं।’