7th Pay Commission Update: केंद्र सरकार (Central Government) ने रिटायर होने वाले कर्मचारियों (Retiring Employees) को बड़ी राहत दी है. केंद्र सरकार ने अहम फैसला लिया है. रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए अब समग्र स्थानांतरण अनुदान नियमों (Composite Transfer Grant Rules) में संशोधन किया है. लाखों केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) को इसका लाभ मिलेगा.
सीटीजी की सीमा को खत्म
दरअसल, इस फैसले के तहत भारत सरकार उन मामलों में सीटीजी की सीमा (CTG Limits) को खत्म करेगा जहां रिटायर होने वाला कर्मचारी ड्यूटी के अंतिम स्टेशन पर या इससे 20 किलोमीटर से अधिक दूर स्टेशन पर बसता है. आपको बता दें कि अभी तक केंद्र सरकार ऐसे कर्मचारियों को सीटीजी का एक-तिहाई भुगतान करती है, जो ड्यूटी के आखिर स्टेशन पर या इससे 20 किलोमीटर से अधिक दूर नहीं रहता है.
ले सकते हैं सकेंगे पूर्ण सीटीजी
सरकार के अनुसार, अब केंद्रीय कर्मचारी रिटायर होने के बाद अंतिम स्टेशन पर या किसी अन्य स्थान पर बसने के लिए 100% सीटीजी (पिछले महीने के मूल वेतन का 80 फीसदी) ले सकेंगे. लेकिन आपको बता दें कि अनुदान का दावा करने के लिए निवास का वास्तविक परिवर्तन अनिवार्य है. दूसरी ओर जो कर्मचारी किसी अन्य स्थान पर बस जाते हैं, वे 100 फीसदी सीटीजी प्राप्त कर सकते हैं. इससे रिटायर होने वाले कर्मचारियों को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा.
मूल वेतन का 100% मिलेगा सीटीजी
अब तक के नियम के अनुसार, पिछले महीने के मूल वेतन के 80 फीसदी हिस्से के आधार पर सीटीजी केंद्र सरकार के पास जमा की जाती है. वहीं, अंडमान-निकोबार और लक्ष्यद्वीप जैसे जगहों पर या बाहर रहने वाले कर्मचारियों को उनके रिटायर होने के बाद मूल वेतन का 100 फीसदी मिलता है.
व्यय विभाग ने जारी की अधिसूचना
व्यय विभाग ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, ‘सीटीजी के प्रयोजन के लिए रिटायरमेंट के बाद ड्यूटी के अंतिम स्टेशन या उसके अलावा 20 किलोमीटर की शर्त को हटाने का फैसला किया गया है. रिटायरमेंट के बाद ड्यूटी के अंतिम स्टेशन या ड्यूटी के अंतिम स्टेशन के अलावा अन्य स्टेशन पर बसने के लिए पूर्ण सीटीजी (यानी पिछले महीने के मूल वेतन का 80 फीसदी) स्वीकार्य होगा.’
जानिए कैसे कर सकते हैं दावा
आपको बता दें कि सीटीजी सरकार की तरफ से दिया जाने वाला एकमुश्त अनुदान है. इससे रिटायर कर्मचारियों को ड्यूटी के अंतिम स्टेशन से ट्रांसफर करने में सहायता मिलती है. इसका दावा करने के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों को निर्धारित प्रारूप में निवास परिवर्तन के संबंध में स्वघोषणा प्रमाणपत्र जमा करना होगा. इसके बाद ही दावे का भुगतान हो सकेगा.