बेमौसम बारिश से फसलें को नुकसान, सरकार ने कहा चिंता ना करें
रायपुर। छत्तीसगढ़ में रबी फसलों को इस बार काफी ज्यादा नुकसान हो गया है। वजह, मौसम में आया परिवर्तन है, जिसकी वजह से प्रदेशभर में बेमौसम बारिश के साथ ही ओले भी गिरे हैं। जिसकी वजह से निर्धारित समय की फसलों के अलावा सब्जियों की फसलें भी काफी ज्यादा खराब हुईं हैं, जिसकी वजह से ठंड के मौसम में भी सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं। इस बर्बादी को लेकर भूपेश सरकार ने चिंता व्यक्त की है।
विदित है कि छत्तीसगढ़ में पिछले पांच दिनों से हो रही बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने रबी की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। फलों और सब्जियों की खेती में भी व्यापक नुकसान की खबर आ रही है। अब सरकार ने सभी जिला कलेक्टर को खेतों का सर्वेक्षण कर नुकसान की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, अभी की जो बारिश हुई है, इससे रबी फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। विशेषकर उन जिलों में जहां रबी की खेती अधिक होती है। मुंगेली, कवर्धा, राजनांदगांव, बेमेतरा, दुर्ग और रायपुर जिले का भाटापारा से लगे हिस्सों में रबी की फसल होती है। यहां चना, अलीसी, मसूर, लाख-लाखड़ी और तिवड़ा, उतेरा की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। गेहूं की फसल को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। कृषि मंत्री ने कहा, फसलों के नुकसान के बारे में सारे कलेक्टरों को निर्देश दिए जा चुके हैं। कृषि और उद्यानिकी विभाग के मैदानी अमले के साथ राजस्व अमले को साथ लेकर आकलन कराने को कहा गया है।
सीएम खुद कर रहे मॉनिटरिंग
RBC (राजस्व पुस्तक परिपत्र) के तहत राशि का आवंटन किया जा रहा है। हमने कहा है, नुकसान का सर्वे कर बीमा कंपनियों को भी भेजें और किसानों को बीमा राशि भी दिलाएं। रविंद्र चौबे ने कहा, सभी निर्देश दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री खुद इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, मुआवजा और बीमा क्लेम की एक निर्धारित प्रक्रिया है। इसमें थोड़ा समय तो लगेगा। पिछले साल किसानों को बीमा प्रीमियम से कई गुना ज्यादा बीमा राशि मिली थी। इस साल भी उम्मीद करते हैं रबी की फसलों के नुकसान की भरपाई बीमा की राशि से कर पाएंगे।
पिछला मुआवजा भी मिलेगा
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, 15 दिन पहले बारिश हुई थी। उसमें कुछ किसानों की धान की फसल खेतों में रह गई थी। उसके ऑब्जर्वेशन के लिए कलेक्टरों को उसी समय कह दिया गया था। सारे कलेक्टरों से जानकारी आ गई है। RBC (राजस्व पुस्तक परिपत्र) के प्रावधानों के तहत उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, इसकी एक प्रक्रिया है। सबसे पहले फील्ड में अधिकारी जाते हैं। सर्वे करते हैं। किसानों को चिन्हित करते हैं। रिपोर्ट भेजते हैं। आकलन की रिपोर्ट भेजते हैं। इसमें देखा जाता है कि नुकसान 35% से कम है या 50% से अधिक है। उसी के आधार पर बीमा की राशि तय होती है। उसी आधार पर RBC के प्रावधान हैं।