रायपुर। हाल के कुछ दिनों पहले CMIE ने एक सर्वेक्षण का परिणाम जारी किया है, जिसमें रोजगार के मामले में भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को चौथे पायदान पर बताया है। छत्तीसगढ़ में सत्तासीन कांग्रेस सरकार ने इसे देश के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बताया है, जबकि देश में औसत बेरोजगारी दर 7.9 प्रतिशत है, तो छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर केवल 2.1 प्रतिशत मात्र है।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने CMIE के आंकड़ों को लेकर छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को घेरने का प्रयास किया था, लेकिन उनका दांव उल्टा पड़ गया है। एक तरफ भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को चौथा स्थान दे दिया, तो डॉ. रमन सिंह ने कुछ दूसरे ही आंकड़ों को पेश किया। उनके आंकड़ों को लेकर आज भूपेश सरकार के मंत्रियों रविन्द्र चौबे और डॉ. शिव डहरिया ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर करारा प्रहार किया।
कांग्रेस सरकार द्वारा रोजगार के जो झूठे विज्ञापन दिए जा रहे हैं वह युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।युवा देख रहे हैं कैसे सीएम @bhupeshbaghel उन्हें धोखा दे रहे हैं।
बेरोजगारी दर के ये आंकड़े देखिये और समझिए कैसे कांग्रेस सरकार में बेरोजगारी दर बढ़ी है।#लबरा_है_भूपेश pic.twitter.com/pfgMC5UUsm
— Dr Raman Singh (@drramansingh) January 12, 2022
दोनों ही मंत्रियों ने CMIE के आंकड़ों को सामने रखते हुए छत्तीसगढ़ भाजपा के नेताओं से सवाल पूछा है कि क्या उन्हें CMIE के आंकड़ों पर विश्वास नहीं है, जो उन्होंने सरकार पर बेरोजगारी दर को लेकर आंकड़ों की बाजीगरी दिखाने का आरोप लगाया है? वहीं दूसरा सवाल यह भी दागा है कि यदि CMIE के आंकड़े सहीं हैं, तो फिर सरकार के आंकड़े कैसे गलत हो सकते हैं?
गांव और जंगलों का करें दौरा
मंत्री चौबे ने कहा कि बीते तीन सालों में भूपेश सरकार ने प्रदेश में रोजगार की दिशा में क्या प्रयास किए हैं, प्रदेश के युवाओं को कैसे रोजगार मुहैया कराया है, इसका अंदाजा केवल शहरों में रहकर नहीं लगाया जा सकता, बल्कि इस सच्चाई को जानने के लिए भाजपा के नेताओं को गांव और जंगलों का दौरा करने की आवश्यकता है।
पेट में दर्द हो रहा है
मंत्रियों ने भाजपा पर आरोप लगाया कि बीते 15 साल तक, जब तक भाजपा सत्ता में बैठी रही, केवल आंकड़ों की बाजीगरी ही दिखाते रही और प्रदेश के लोगों को बेवकूफ बनाती रही। अब जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्कूल से लेकर कॉलेज तक नौकरियों का रास्ता खोल रहे हैं, नियुक्तियां होने लगी हैं, तब भाजपा को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। नौकरियां बेरोजगारों को मिल रही है, तो भाजपाईयों के पेट में दर्द होने लगा है।