रायपुर। आरक्षकों की हड़ताल खत्म हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं, अब राज्य सरकार के कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शासकीय कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारी महंगाई भत्ता (DA) और गृह भाड़ा भत्ते को लेकर मुखर हो गए हैं। कर्मचारी संगठनों ने बुधवार को विभिन्न जिलों में तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर और राज्य मुख्यालय में मुख्य सचिव की ओएसडी (OSD) पूनम सोनी को अपना मांग पत्र सौंपा है।
दरअसल कर्मचारियों की मांग है कि महंगाई भत्ते को 31% किया जाए। साथ ही सातवें वेतनमान (Seventh pay scale) पर भी गृह भाड़ा भत्ता (HRA) दिया जाए। छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन (Chhattisgarh Officer Employees Federation) के राज्य संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों की तरह महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता उनका मौलिक अधिकार है। वर्तमान में राज्य सरकार के अधिकारियों-कर्मचारियों को को 17% महंगाई भत्ता मिल रहा है। वहीं केंद्रीय कर्मचारियों को 31% की दर से भत्ता मिल रहा है। इसी तरह सातवां वेतनमान लागू होने के बाद भी गृह भाड़ा भत्ता (HRA) रिवाइज्ड ही नहीं हुआ है। अभी भी चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 400-450 रुपया और प्रथम श्रेणी अधिकारियों को 1200-1300 रुपया भत्ता मिलता है।
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कर्मचारियों को हो रही परेशानी
विजय झा के नेतृत्व में कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल रायपुर कलेक्ट्रेट भी पहुंचा था। जहां रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार (raipur collector saurabh kumar) को भी इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया। मुख्यमंत्री को संबोधित इस ज्ञापन में कर्मचारी संगठनों ने अपनी दोनों मांगे रखीं हैं। फेडरेशन का कहना है कि इन मांगों की अनदेखी से कर्मचारियों के वित्तीय हितों को नुकसान पहुंच रहा है।
सोशल मीडिया में जताया जाएगा विरोध
कमल वर्मा ने बताया कि 28 और 29 जनवरी को सभी अधिकारी कर्मचारी मौलिक अधिकार हनन के विरोध में काली पट्टी लगाकर कार्यस्थलों पर ही विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा 28 जनवरी से 31 जनवरी तक सोशल मीडिया पर भी अभियान चलाया जाएगा। हर अधिकारी-कर्मचारी सोशल मीडिया पर मुद्दे को लिखकर न्याय की मांग करेगा।