रायपुर। निलंबित आइपीएस अधिकारी जीपी सिंह की पुलिस रिमांड शुक्रवार शाम खत्म हो गई। जिसकी अवधि को 4 दिन और बढ़ा दिया गया है। विशेष मजिस्ट्रेट लीना अग्रवाल की स्पेशल कोर्ट में निलंबित आइपीएस अधिकारी जीपी सिंह को पेश किया गया। जिस तरह का रवैया है उसे देखते हुए ब्यूरो फिर से 5 दिनों की पुलिस रिमांड की मांग की थी। जीपी सिंह को 18 जनवरी को दोपहर 2 बजे तक पुलिस रिमांड मिली है।
जीपी सिंह ने कोर्ट परिसर में विशेष मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने से पहले वहां मौजूद पत्रकारों से कहा कि एसीबी की जांच में हर बिंदु का जवाब दिया जा रहा है। आप जानते हैं कि यह राजनीति षड्यंत्र है और मैंने नागरिक आपूर्ति निगम के घोटाले में रमन सिंह और वीणा सिंह को फंसाने से इनकार कर दिया था। जिसके कारण आज मुझे यह झेलना पड़ रहा है।
जीपी सिंह के वकील आशुतोष पांडेय ने बताया कि यह पूरा मामला पॉलिटिकल विक्टिमाइजेशन का मामला है। पुलिस ने 5 दिनों की और रिमांड मांगी थी। हम पर आरोप लगाया जा रहा है की जीपी सिंह इन्वेस्टिगेशन में कॉपरेट नही कर रहे है। इसी वजह हम ने न्यायलय से कहा कि अगर इनको रिमांड और चाहिए जिससे हमारे पक्षकार इन्वेस्टिगेशन में कॉपरेट कर सके तो हमे कोई आपत्ति नही है। रिमांड अवधि पूरी हो जाने के बाद फिर से रेगुलर जमानत के आवेदन पेश करेंगे।
ब्यूरो की टीम ने जीपी सिंह से सात पेनड्राइव को लेकर भी पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो इस पेनड्राइव में सरकार विरोधी गतिविधियों के सबूत हैं। हालांकि जांच में जीपी सिंह ने पेनड्राइव की जानकारी होने से इनकार किया है। इसी तरह जीपी सिंह ने पूछताछ में जब्त दोनो मोबाइल खुद का होने से इनकार किया है। वहीं गुरुवार देर रात तक इओडब्ल्यू की टीम उनके दो स्मार्ट मोबाइल फोन के स्क्रीन लाक का पासवर्ड नहीं खुलवा पाई। सूत्रों ने बताया कि जीपी ने पैतृक संपत्ति को भी उनकी संपत्ति से जोड़ने का अधिकारियों के सामने जमकर विरोध किया।
ये है पूरा मामला
- 1 जुलाई की सुबह 6 बजे ACB-EOW की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में एक साथ छापा मारा।
- जीपी सिंह पर FIR दर्ज की गई। दूसरे दिन शुक्रवार को दिन भर की जांच के बाद 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ। 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके बढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी गई।
- रायपुर में एक युवक से मारपीट, भिलाई में सरेंडर करने वाले नक्सल कमांडर से रुपयों का लेन-देन, रायपुर में एक केस में आरोपी की मदद का इल्जाम भी जीपी सिंह पर लगा है। इन पुराने केस की फिर से जांच की जा रही है।
- इन तमाम मामलों के बीच 5 जुलाई को राज्य सरकार ने ADG जीपी सिंह को एक आदेश पत्र में यह लिखते हुए निलंबित कर दिया कि एक अफसर से ऐसी अपेक्षा नहीं थी।