कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए गर्भवती महिलाएं डरी हुयी हैं ,लेकिन आपको डरने कि जरूरत नहीं है यह कहना है डॉ.रश्मि भुरे का तो चलिए एक नजर डालते है डॉ.रश्मि के बताये गए फैक्ट्स पर यह कोई जरूरी नहीं कि कोविड पॉजिटिव गर्भवती के शिशु को भी कोविड होगा। खासकर जब तक वह पेट में है। जब तक शिशु पेट में है तब तक वह कोरोना संक्रमण से ज्यादा सुरक्षित है।जी हां, सही सुना आपने बल्कि प्रसव के बाद प्रोटोकाॅल का पालन नहीं करने पर कोविड होने की पूरी आशंका रहती है। यह कहना है स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की डॉक्टर और दुर्ग जिले में होम आइसोलेशन डिपार्टमेंट की इंचार्ज डॉ.रश्मि भुरे का।
डॉ. रश्मि भुरे ने बताया
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा हर तरह से प्रयास जारी हैं। और अगर ऐसे समय में आपके घर में कोई गर्भवती है तो घबराने की जरूरत नहीं हैं। हम कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करके गर्भवती महिला ही नहीं उसके होने वाले बच्चे को भी कोविड संक्रमण से बचा सकते हैं। तो आप ज्यादा पैनिक न करें कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते रहें।
अगर गर्भवती महिला कोरोना पॉजिटिव हैं या फिर कोरोना पॉजिटिव रह चुकी है तो भीकोरोना को लेकर बिलकुल परेशान न हों। कोरोना जैसी संक्रामक बीमारी से बचने के लिए बस जागरूक, सचेत और सतर्क रहने की जरूरत है। हमेशा अपने चिकित्सक के संपर्क में रहें और उनके सुझावों का पालन करें।
डॉ. रश्मि भुरे ने स्पष्ट किया है कि गर्भवती महिलाओं को बिना जरुरी चेकअप के अस्पताल में न लाएं। बल्कि यही कोशिश करें कि चिकित्सक से ऑनलाइन कंसल्ट कर लें। गर्भवती महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य के मुकाबले कम होती है। इसलिए गर्भवती महिलाएं अपने व बच्चे के भविष्य के लिए साफ-सफाई का खास ध्यान दें। कुछ भी छूने के बाद 40 सेकंड तक साबुन से हाथ धो लें और मास्क लगाए रखें।
किन चीजों का करें सेवन
मौसमी फल, हरी सब्जियां, दूध आदि का नियमित सेवन करें।वैक्सीन से पहले डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। संक्रमित होने के बाद भी आयरन फोलिक एसिड और कैल्शियम की टैबलेट आदि गर्भावस्था की दवाएं जरूर लेते रहें। गर्भवती महिला का वैक्सीन का डोज अगर बाकी है तो उसे जरूर समय से लगवा लें।
बच्चे के लिए स्तनपान है जरूरी
सबसे जरुरी बात यदि मां कोरोना पॉजिटिव है या रह चुकी है तब भी उसको स्तन-पान कराना है। बस साफ-सफाई का ध्यान देते हुए मास्क लगाकर ही स्तन-पान कराना है। यह भी ध्यान रखें कि बच्चे के ऊपर किसी प्रकार की छींक या खांसी का ड्रॉपलेट न जाए। कोविड पॉजिटिव होने की जानकारी को छिपाएं नहीं। होम आइसोलेशन की टीम को पूरी जानकारी दें।
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दें
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को निर्देश है कि संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करें। कोविड पॉजिटिव महिलाओं को प्रसव के लिए कोविड अस्पताल ले जाने के लिए राज्य शासन द्वारा निशुल्क व्यवस्था है। मितानिन और एएनएम इस कार्य में उनकी मदद करती हैं। कोविड पॉजिटिव गर्भवती के प्रसव के लिए जिला अस्पताल दुर्ग में विशेष सुविधा उपलब्ध है।
क्या करना है जरुरी
• नियमित कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करें
• आंगन या छत पर अकेले रोज धूप लें
• अगर कोई समान बाहर से आया हुआ है तो उसे सैनेटाइज करें
• जो भी समान बाहर के आ रहा है तो उन सामानों को 3 दिन बाद ही अपने उपयोग में लाएं
• अगर बहुत ही आवश्यक स्थिति हो तो ही घर से बाहर निकले
• नियमित जांच कराएं,संभव हो तो घर पर ही सैंपल दें
• होम आइसोलेशन की टीम को पूरी जानकारी दें।
क्या नहीं करना है
• आपको बाजार का पका हुआ आहार नहीं करना है
• अगर कहीं पे नकारात्मक चर्चा हो रही है तो आप वहां पर शामिल होने से बचें
• भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें
• अगर जरुरी न हो तो गर्भवती महिला अस्पताल जाने से बचे।