रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona) से नए साल के इन 15 दिनों में ही एक्टिव मरीजों (Active Patients) की तादाद 31 हजार पार हो गई है। हालांकि इन 15 दिनों के भीतर संक्रमित होकर कोरोना को मात देने वालों की तादाद भी अच्छी ही रही है, बहुत ज्यादा घातक परिणाम (Dangerous Result ) अब तक सामने नहीं आए हैं, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि तीसरी लहर (Third Wave) के चपेट में आकर रिकवर (Recover) होने वालों ने कोरोना (Corona) से बचाव के लिए वैक्सीन (Vaccine) का दोनों डोज (Both Dose) लिया हुआ था, जिसकी वजह से कोरोना संक्रमण ने घातक असर नहीं दिखाया है।
छत्तीसगढ़ में कोरोना (Corona) के खिलाफ जारी जंग में वैक्सीनेशन (Vaccination) की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता। पर आंकड़ों पर नजर डाला जाए तो छत्तीसगढ़ में अब भी बड़ी तादाद में ऐसे लोग हैं, जिन्होंने कोरोना का पहला डोज (First Dose) तो ले लिया है, पर दूसरा डोज (Second Dose) अब भी अपेक्षित है, जिसकी वजह से मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है।
NTAGI चेयरमैन डॉ. नरेंद्र अरोड़ा ने कहा
दरअसल, नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्यूनाइजेशन (NTAGI) के चेयरमैन डॉ. नरेंद्र अरोड़ा (Dr. Narendra Arora) ने कहा, पहला डोज बॉडी को एंटीबॉडी (Antibody) बनाने के लिए तैयार करता है। दूसरा, Antibody तैयार करता है। दोनों डोज समय पर लेना जरूरी है। यदि दूसरा डोज नहीं लिया गया, तो Antibody नहीं बन पाएगी और कोरोना वायरस अपना घातक असर से इंसान को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।
वर्तमान हालात में बात की जाए तो प्रदेश में 99 फीसदी लोगों ने पहला डोज लिया है, वहीं दूसरा डोज लेने वाले 67 प्रतिशत लोग हैं, लेकिन इन 33 फीसदी लोगों जिसमें संख्या करीब 65 लाख है, उन्होंने दूसरा डोज नहीं लिया है, ऐसे में उनका Antibody नहीं बन सकता है। वहीं प्रदेश में अब भी 3 लाख लोग हैं, जिन्होंने पहला डोज भी नहीं लिया है।