इस दुनिया में ‘मां’ एक ऐसा शब्द है, जिसमें सारा जहान बसता है। उसकी ममता को कोई ओर—छोर नहीं होता, उसके बलिदान की कोई गाथा नहीं होती, उसके प्यार की कोई इंतहा नहीं होती। इंसानी रिश्तों में भी फिर भी कई अपवाद सामने आ जाते हैं, जहां मां और बच्चों का रिश्ता इंसानियत को कलंकित भी कर देता है, पर जानवरों में उस ममता की तस्वीरें झकझोर कर रख देती है।
एक ऐसी ही तस्वीर कोलकाता से सामने आई है, जहां पर एक घर आग की चपेट में आ गया और पूरा का पूरा घर खाक में तब्दील हो गया। उस घर में निवासरत परिवार के किसी भी सदस्य का बाल तक बांका नहीं हुआ, लेकिन चपेट में 7 कुत्ते के पिल्ले आ गए और भस्म हो गए।
जैसे—तैसे आग बूझ गई, पर उस घर में निवासरत परिवार सलामत है। अब आगजनी में खाक हो चुके उस घर के राख में एक मां अपने सात बच्चों को तलाश रही है, जो उस आग में राख हो चुके हैं। शायद वह उस सच्चाई को नहीं समझ पा रही है कि जिन बच्चों की भूख मिटाने के लिए वह अनाज के इंतजाम में गई थी, वे अब राख हो चुके हैं।
उन सातों पिल्लों की मां कभी उस राख में तब्दील घर में अपने बच्चों को तलाशती है, तो कभी मोहल्ले के दूसरे हिस्सों में उन्हें ढूंढती है। बगैर मुंह की वह मां अपनी तकलीफ किसी से कह नहीं पा रही है, ना ही किसी से पूछ पा रही है उसके बच्चों के साथ आखिर क्या हुआ।