जनवरी के पहले पखवाड़े में भारत की पेट्रोल और डीजल की बिक्री में गिरावट आई है क्योंकि महामारी की तीसरी लहर ने अर्थव्यवस्था को पर असर डालना शुरू कर दिया है। कार्यस्थल की गतिशीलता और एयरलाइन यातायात में गिरावट के कारण ऐसा देखनो को मिला है। लोगों ने बाहर आना-जाना कम कर दिया है, जिसके कारण पेट्रोल और डीजल की खपत घटी है।
डीजल की बिक्री घटी
डीजल की जो बिक्री भारत की कुल ईंधन खपत का लगभग 40 प्रतिशत और औद्योगिक गतिविधि को दर्शाती है, वह दिसंबर की समान अवधि की तुलना में 1 से 15 जनवरी के दौरान 14.1 प्रतिशत गिरकर 2.47 मिलियन टन हो गई। राज्य ईंधन खुदरा विक्रेताओं के प्रारंभिक आंकड़ों से यह पता चला है। जनवरी 2020 की अवधि में डीजल की बिक्री लगभग 8 प्रतिशत कम थी।
ओमिक्रॉन के कारण लगे प्रतिबंध का असर
कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के तेजी से फैलने के कारण देश के कई हिस्सों में स्थानीय प्रतिबंध लगा दिए गए हैं, जिससे ट्रक की आवाजाही प्रभावित हुई है। वहीं, आंकड़ों से पता चलता है कि 1-15 जनवरी के दौरान 9,64,380 टन पेट्रोल की बिक्री हुई, जो दिसंबर के पहले पखवाड़े की तुलना में 13.81 प्रतिशत कम है। हालांकि, यह जनवरी 2020 की बिक्री की तुलना में 5.66 प्रतिशत अधिक है।
जेट ईंधन की बिक्री 13 प्रतिशत घटी
जनवरी की पहली छमाही के दौरान जेट ईंधन की बिक्री 13 प्रतिशत गिरकर 2,08,980 टन रह गई, जबकि महीने भर पहले के आंकड़े की तुलना में यह साल-दर-साल 7.34 प्रतिशत अधिक थी। यह जनवरी 2020 के आंकड़ों से 38.2 फीसदी कम थी।
रसोई गैस एलपीजी की बिक्री बढ़ी
आंकड़ों से पता चलता है कि रसोई गैस एलपीजी की बिक्री महीने-दर-माह 4.85 प्रतिशत और सालाना आधार पर 9.47 प्रतिशत बढ़कर 1.28 मिलियन टन हो गई। यह जनवरी 2020 की तुलना में 15.25 प्रतिशत अधिक थी।