BIG BREAKING : गणेश उत्सव को लेकर गाइडलाइंस जारी, इतने फीट तक हो सकती है मूर्ति की ऊंचाई
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रायपुर। हिंदी पंचांग के प्रत्येक माह की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का पूजन किया जाता है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सकट चौथ या तिल कूट चतुर्थी का पूजन किया जाता है। सकट चौथ के दिन चौथ माता के रूप में मां पार्वती और भगवान गणेश का पूजन किया जाता है। इस दिन माताएं अपनी संतान की दीर्ध आयु के लिए व्रत रखती हैं।
सकट के पूजन में काले तिल का विशेष रूप से प्रयोग होने के कारण इस व्रत को तिल कूट चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल सकट का व्रत 21 जनवरी को रखा जाएगा। आज हम आपको कुछ ऐसी बातों के बारे में बता रहे हैं को जो सकट चौथ के दिन भूल कर भी नहीं करनी चाहिए।ऐसा करने से व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता है । आइए जानते हैं उन बातों के बारे
1-सकट व्रत करते समय महिलाएं भूलकर भी काले रंग के कपड़े न पहनें। सकट व्रत की पूजा के दिन पीले या लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ फल दायक होता है। हिंदू धर्म में काले रंग का पूजन या शुभ कार्यों प्रयोग वर्जित है।
2- सकट के दिन पूजा में गणेश भगवान को भूल कर भी तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार गणेश जी ने तुलसी जी अवहेलना के कारण, तुलसी जी को श्राप दे दिया था और अपनी पूजा में तुलसी पत्र चढ़ाने की मनाही की है। गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने का विधान है।
3- सकट चौथ के दिन भगवान गणेश का पूजन करने का विधान है। इस लिए इस दिन भूल कर भी उनकी सवारी मूषक या चूहे को सताना नहीं चाहिए। ऐसा करने से गणेश जी नाराज हो सकते हैं।
4- संकष्टी चतुर्थी का व्रत के दिन चंद्र दर्शन करना और चंद्रमा को अर्घ्य देना न भूलें। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत पूरा होता है।
5- सकट पूजा में चंद्रमा को जल में दूध और अक्षत मिलाकर अर्घ्य दिया जाता है। लेकिन अर्घ्य देते समय ध्यान दें कि अर्घ्य के जल की छींटे पैरों पर नहीं पड़नी चाहिए।