हॉस्पिटल्स(hospital ) की लापरवाहियों और भ्रष्टाचार को दिखाने न जाने कितनी फिल्मे बन चुकी है जैसे अक्षय कुमार(akshay kumar ) की फिल्म ‘गब्बर इज बैक’ में था, लेकिन हॉस्पिटल्स की काली दुनिया को दिखाने वाली शायद ही पहली कोई वेबसीरीज(webseries ) बनी होगी। इस र सीरीज को इस तरह बनाया गया है कि आप एक बार बैठने देखें तो फिर पूरी करके ही छोड़ें।
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क्या है सीरीज की कहानी
कहानी में भोपाल में हो रहे सीक्रेट ह्यूमन ट्रायल्स की, जिसमें वायु फार्मा के मोहन वैद्या (मोहन अगाशे) और उसका बेटा अशोक वैद्या (सीआईडी फेम आदित्य श्रीवास्तव), शहर की मशहूर न्यूरोसर्जन शैफाली शाह के हॉस्पिटल मंथन के साथ मिलकर एक ऐसी दवाई का आम लोगों पर ट्रायल करते हैं, जो यूरोप में पहले से प्रतिबंधित है। इसके लिए गरीब लोगों को बिना बताए पैसों का लालच देकर उन्हें इंजेक्शन लगवाते हैं। जिसमें शामिल हैं राजनीति और नौकरशाही की दुनिया के दिग्गज भी, जिनको अपना हिस्सा किसी ना किसी रूप में चाहिए होता है।
कहानी में है कई ट्विस्ट(twist )
ज्यादा पैसों के लालच में डॉक्टर्स और दलालों का नेटवर्क भी शामिल हो जाते है. लेकिन अचानक दवाई के साइड इफैक्ट्स सामने आने लगते हैं, एक मरीज की मौत हो जाती है। फिर खेल शुरू होता है. उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट गायब करके बाकी तीन मरीजों को ऐसी मौत देने का जिससे कि पोस्टमार्टम वो एक्सीडेंट लगें, और ह्यूमन ड्रग ट्रायल की खबर सामने ना आ सके।
डायलॉग्स ने जीता लोगों का दिल
किएटिव डायलॉग्स ने जीता दिल शैफाली शाह के बोलने के अंदाज, उनके लिए चुने गए खास क्रिएटिव डायलॉग्स, उनके बचपन का ट्रॉमा और शायद सभी किरदारों में उनको सबसे ज्यादा बुद्धिमान दिखाना इसी इमेज बिल्डिंग का हिस्सा लगा