.सड़क चौड़ीकरण की धीमी गति पर जताई गहरी नाराजगी
.समय सीमा में गुणवत्ता के साथ कार्य पूर्ण करने के दिए सख्त निर्देश
.शिवघाट और पचरीघाट बैराज का कार्य जून 2022 तक हर हाल किया जाए पूरा
बिलासपुर। कलेक्टर डाॅ. सारांश मित्तर ने आज शहर में चल रहे कार्याे का सघन निरीक्षण किया। उन्होंने नेशनल हाईवेे क्रं 49 गुरूनानक चौक से जगमल चौक तक फोरलेन सड़क चौड़ीकरण एवं डामरीकरण कार्य का जायजा लिया। उन्होंने कार्य की धीमी गति पर गहरी नाराजगी जतायी। मौके पर नगर निगम और लोक निर्माण विभाग के बीच समन्वय को लेकर आ रही दिक्कतों का निराकरण किया गया। कलेक्टर ने कार्य को गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के सख्त निर्देश मौके पर उपस्थित अधिकारियों को दिए। उन्होंने अरपा नदी में बनाए जा रहे पचरीघाट एवं शिवघाट बैराज निर्माण कार्य का भी जायजा लिया।
कलेक्टर ने पीडब्लूडी द्वारा नेशनल हाईवे क्रमांक 49 में गुरूनानक चौक से जगमल चौक तक 5 करोड़ 25 लाख 66 हजार की लागत से 1 कि.मी. लंबाई में फोरलेन चौड़ीकरण एवं डामरीकरण कार्य का निरीक्षण किया। इस कार्य में पेयजल आपूर्ति के लिए बनाई गई पाईपलाइन बीच में आने से कार्य प्रभावित हो रहा था। कलेक्टर ने कार्य की धीमी गति पर गहरी नाराजगी जताई। मौके पर उपस्थित नगर निगम एवं पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों एवं तकनीकी कर्मचारियों द्वारा कार्य में आने वाली बाधाओं की जानकारी कलेक्टर को दी गई। मौके पर ही दोनों विभाग के बीच समन्वय को लेकर आ रही दिक्कतों का निराकरण किया गया। कलेक्टर ने इस कार्य को पूरी गुणवत्ता के साथ जल्द पूरा करने के सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए।
100 करोड़ की लागत से दोनों बैराज तैयार
इसके पश्चात् कलेक्टर ने पचरीघाट एवं शिवघाट बैराज का सघन निरीक्षण किया। ज्ञात हो कि कलेक्टर दोनों बैराज का लगातार निरीक्षण कर रहे है एवं उनके द्वारा निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी सतत् ली जा रही है। मौके पर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने कलेक्टर को बताया कि बैराज निर्माण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। 100 करोड़ की लागत से यह दोनों बैराज तैयार किया जा रहा है। कलेक्टर ने हर हाल में जून 2022 तक बैराज का काम पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने कार्य स्थल का बारीकी से गहन निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण कार्य की गति पर संतोष जताया। ड्रैनेज पाईपलाइन के संबंध में आ रही दिक्कतों का मौके पर ही निराकरण किया गया। कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से कहा कि कार्य की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।