बिलासपुर के जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव दर्रीघाट निवासी टाकेश्वर पाटले के घर पर हुई डकैती की प्लानिंग महज 21 साल के लड़के ने की थी। 13 जनवरी को हुए इस कांडे के बाद ये शातिर बिलासपुर पुलिस को ओडिशा, झारखंड और पूरे प्रदेश में घुमाता रहा। करीब 1000 CCTV कैमरों की जांच हुई, 50 से अधिक पुलिसकर्मी लगे रहे। SP की मॉनिटिरिंग में 10 टीमें बनाई गईं। इन टीमों ने 500 से अधिक लोगों से पूछताछ की, नए पुराने बदमाशों की लिस्ट निकाली सब कुछ खंगाला गया और 13 जनवरी को हुई इस वारदात के मास्टर माइंड अजय ध्रुव नाम के युवक को इसके तीन साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया। बंदूक की नोक पर हुई इस डकैती में शामिल 6 बदमाश अब भी फरार हैं। इनमें से कुछ हत्या और डकैती के मामलों में जेल भी जा चुके हैं। बिलासपुर पुलिस ने शनिवार को मीडिया को जानकारी को देते हुए कहा। इस कांड में शामिल अजय ने सिर्फ कांग्रेस नेता टाकेश्वर से बदला लेने की नियत से इस कांड को अंजाम दिया था। दरअसल टाकेश्वर से एक पुराने विवाद की वजह से पुलिस ने अजय के खिलाफ कार्रवाई की थी और इसे जेल भेज दिया गया था। अजय के मां-बाप भी जेल गए। इस बात की टीस अजय के मन में थी। इसने जेल में ही सरकंडा हत्या केस के आरोपी रमजान उर्फ बल्ला से इसकी दोस्ती हुई। बाहर आने पर इन्होंने डकैती प्लान की। इसके बाद इन युवकों ने टीम बनाने पर काम किया। रमजान उर्फ बल्ला ने रमजान चिल्हाटी को शामिल किया जो कि पूर्व में गतौरा डक़ैती में शामिल रहा है। ओडिशा का बदमाश बबलू जो कि रमजान का ही दोस्त है वो भी प्लान में शामिल हो गया। कुछ बदमाशों को भी रमजान ने बुला लिया। रमजान के अपने पड़ोसी अयूब चिल्हाटी को मिला लिया। ओडिशा के बल्लु ने दुर्गेश, अनिल शाह, माइकल उर्फ राहुल सिंह ,टोनी उर्फ आनंद टोप्पो नाम के लड़कों को भी इस काम के लिए तैयार किया।
शुरू की रेकी
टीम बनने के बाद अजय ने टाकेश्वर के घर की रेकी शुरू की। घर में कौन रहता है, कौन कब कहां जाता है इस बात की पूरी जानकारी अजय खुद ले रहा था और अपनी टीम को भी दे रहा था। अजय को इस बात की खबर थी कि टाकेश्वर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है। हर वक्त टाकेश्वर के घर में कैश और गहने रहते हैं। इसके बाद ओडिशा से आए युवकों ने कट्टे और पिस्टल का बंदोबस्त किया। 13 जनवरी को अजय की टीम ने टाकेश्वर के बाहर जाते ही उसके घर पर दोपहर के वक्त धावा बोला और कट्टा, पिटल टाकेश्वर के घर की महिलाओं पर टिकाकर 2.50 लाख रुपए और गहने लूटकर भाग गए।
छत्तीसगढ़ी में बात की तो पुलिस को हुआ शक
टाकेश्वर के घर महिलाओं से मिली जानकारी के मुताबिक डकैतों ने चेहरा तो ढंक रखा था। मगर आपस में वो स्थानीय छत्तीसगढ़ी बोली में बात कर रहे थे। पुलिस जब डकैतों के भागने के रास्ते को ट्रेस कर रही थी तो एक महिला से पुलिस को इनपुट मिला कि कुछ युवकों ने उससे रायगढ़ जाने का रास्ता भी छत्तीसगढ़ी में पूछा था। पुलिस इस बात से आश्वस्त हो गई कि हो न हो इस गैंग में लोकल लोग शामिल हैं।
ऐसे आए पकड़ में
पुलिस ने CCTV फुटेज के जरिए युवकों का हुलिया ट्रेस कर लिया। हर रास्ते में लगे कैमरों को जांचा गया। युवकों के ओडिशा और रायगढ़ भागने की जानकारी टीम को मिली। जांच से जुड़ी एक टीम को इनपुट मिला कि मस्तूरी के गतौरा में हुई एक डकैती का आरोपी बल्ला कुछ महीने पहले ही छूटा है। ये भी अजय के साथ शामिल था। टीम ने बल्ला से जुड़ी हर जानकारी हासिल की। ये भी पता चला कि चिल्हाटी गांव में भी पुराने आपराधिक मामलों में शामिल युवक कुछ दिनों से साथ ही उठ-बैठ रहे थे।
इस बीच ओडिशा के रास्तों पर छानबीन कर रही पुलिस की टीम को वारदात में शामिल छोटू सिंह ( 23) सुंदरगढ़ में मिल गया। CCTV के आधार पर टीम इसे ट्रेस करते हुए इस तक पहुंची। इसके बाद डकैती के मास्टर माइंड की जानकारी पुलिस की टीम को मिली। पुलिस ने अजय की तलाश शुरू की, वो सिरगिट्टी में छुपा बैठा था। वहां छापा मारकर टीम ने अजय को दबोचा, अजय के साथ इस डकैती में साथ देने वाले ओडिशा के आनंद टोप्पो (22) छोटू सिंह ( 23) दुर्गेश ध्रुव (28) को गिरफ्तार कर लिया गया। डकैती की वारदात में शामिल अजय के साथी रमजान ऊर्फ बल्लू (42) निवासी ओडिशा, माइकल सिंह (26) निवासी ओडिशा, अनिल, आयूब खान निवासी चिलहंटी हाल चिंगराजपरा बिलासपुर, तुलसी निवासी जांजगीर चांपा, रमजान उर्फ बल्ला अली निवासी ग्राम चिल्हाटी बिलासपुर फरार हैं।