रायपुर। इंडिया गेट पर पिछले 50 सालों से जल रही अमर जवान ज्योति को बुझाये जाने को कांग्रेस ने मोदी सरकार का आपत्तिजनक कार्य बताया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अमर जवान ज्योति भारत के द्वारा लड़ी गयी 1971 की लड़ाई एवं अन्य युद्धों में अपनी जान गंवाये वीर शहीदों के सम्मान में प्रज्वलित की गयी थी जो पिछले 50 वर्षों से अनवरत जल रही है। अमर जवान ज्योति भारत की जनता की ओर से अपने देश के वीर जवानों के प्रति श्रद्धांजली का प्रतीक है। मोदी सरकार ने अमर जवान ज्योति को बुझा कर देश के लिये प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों की शहादत का अपमान किया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा अमर जवान ज्योति को बुझा कर 1971 के भारत बांग्लादेश युद्ध की यादों को नष्ट करने की मंशा रखते है। बांग्लादेश मुक्ति संग्राम भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की अदम्य साहस और दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम था। भारत ने अब तक जितनी भी लड़ाईयां लड़ी बांग्लादेश की लड़ाई उसमें सबसे बड़ी जीत है। मोदी और भाजपा कांग्रेस से अपनी राजनैतिक दुश्मनी को भुनाने के फेर में देश के अविस्मरणीय इतिहास की यादों को नष्ट करने लग गये हैं। भारत-बांग्लादेश किसी दल का युद्ध नहीं था, भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वं इंदिरा गांधी के मार्गदर्शन में भारत की सेनाओं और हमारे वीर जवानों ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिया था इस लड़ाई में देश ने अपने वीर जवानों को खोया था। मोदी अपनी संकुचित मानसिकता में देश के महान सपूतों की यादों को नष्ट कर रहे है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नरेन्द्र मोदी इस देश के सबसे नक्कारा प्रधानमंत्री साबित हो रहे जो खुद कुछ नहीं कर पा रहे लेकिन पुरानी सरकारों द्वारा किये गये कार्यों को बदल कर अपनी कुंठित मानसिकता का प्रदर्शन कर रहे हैं। मोदी अपनी लाईन बड़ी खींच नहीं सकते इसलिये दूसरें की लाईन मिटा कर खुद की लाईन बड़ी जताने की कोशिश में लगे रहते है। संवैधानिक संस्थाओं का अवमूलन और नष्ट करते-करते मोदी अब देश की भावनात्मक धरोहरों को भी समाप्त करने में लग गये है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आजादी की लड़ाई के पहले और स्वतंत्रता के बाद भारत के नवनिर्माण में भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस का योगदान शून्य है इसलिये वे इतिहास में अपने पूर्वजों की दरिद्रता को छुपाने के लिये इतिहास को ही नष्ट करने की कुचेष्ठ में लग गये हैं।