नई दिल्ली। दुनिया के साथ देश में कोहराम मचा रहे कोरोना की तीसरी लहर का चरम कब और कैसे होगा, इस अह्म सवाल का जवाब सामने आ चुका है, लेकिन इसके लिए देश के लोगों को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा। यदि देश में कोरोना का अंतिम स्वरूप देखना चाहते हैं, तो यही मौका है, इसके बाद फिर कौन सा मौका आएगा, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।
इस वक्त भारत में कोरोना के नए वैरिएंट ‘ओमिक्रान’ ने आतंक मचा रखा है। शुरुआती दौर में लोग बीमार होकर स्वस्थ हो जा रहे थे, लेकिन अब बड़ी तादाद में मौतों का सिलसिला जारी है। लेकिन अच्छी बात यह है कि ओमिक्रान जितनी तेजी से आया, देश पर कब्जा किया, उतनी ही तेजी से समाप्त होने के कगार पर आ चुका है।
ताजा जानकारी के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की दर बताने वाली ‘आर-वैल्यू’ 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच और कम होकर 1.57 रह गई है और देश में संक्रमण की तीसरी लहर के आगामी पखवाड़े में चरम पर पहुंचने की संभावना है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के प्रारंभिक विश्लेषण में यह जानकारी दी गई।
आर—वैल्यु करता है तय
आईआईटी मद्रास द्वारा साझा किए गए विश्लेषण के अनुसार, 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच आर-वैल्यू 1.57 दर्ज की गई, जो सात से 13 जनवरी के बीच 2.2, एक से छह जनवरी के बीच चार और 25 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच 2.9 थी। ‘आर-वैल्यू’ बताती है कि एक व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है। यदि यह दर एक से नीचे चली जाती है तो यह माना जाता है कि वैश्विक महामारी समाप्त हो गई है।