रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना प्रभावित मरीजों का ग्राफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है, हालांकि चपेट में आने वालों के साथ ही रिकवर होने वाले मरीजों की संख्या में मुकाबले में बेहतर है। ताजा जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कोरोना के ओमिक्रान वेरिएंट के 15 नए केस मिले हैं। इनमें बिलासपुर में सबसे अधिक 8 और राजनांदगांव जिले के 6 केस हैं। रायपुर के भी एक व्यक्ति में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है। इनको मिलाकर प्रदेश में ओमिक्रॉन के मामलों की संख्या 36 हो गई है।
गौर करने वाली बात यह है कि प्रदेश में लोग कोरोना की चपेट में तो आ रहे हैं, लेकिन किस वैरिएंट से प्रभावित हो रहे हैं, इस सच्चाई से बेखबर हैं। प्रदेश में तीसरी लहर जारी है, जिसमें लोग अधिकतम 7 दिनों के भीतर ठीक भी हो जा रहे हैं। देश में ‘ओमिक्रान’ की लहर की चर्चा है, ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या छत्तीसगढ़ में भी लोग ‘ओमिक्रान’ से ही प्रभावित हो रहे हैं।
बीते 23 दिनों के आंकड़ो पर यदि गौर किया जाए, तो शुरुआती 8 दिनों के बाद से आंकड़ा 5 हजार प्रतिदिन के इर्द—गिर्द ही बना हुआ है। ऐसे में यदि कुल संक्रमित लोगों की बात की जाए तो 70 हजार से ज्यादा लोग चपेट में आ चुके हैं, लेकिन रिकवरी अच्छी होने की वजह से एक्टिव मरीजों की तादाद 30 हजार के आसपास ही है।
जीनोम लैब की अनुमति जल्द देने का संकेत
प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव होने वालों में ओमिक्रान वैरिएंट की जांच के लिए सेंपल भुवनेश्वर भेजना पड़ रहा है, जिसकी वजह से रिपोर्ट समय पर नहीं मिल पा रही है, ऐसे में ना तो ज्यादा सेंपल भेज पाने की व्यवस्था हो पा रही है और ना ही वास्तविक स्थिति का पता चल पा रहा है। जिसके चलते स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने रायपुर में लैब की सुविधा की मांग की है। बातचीत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जीनोम लैब की अनुमति जल्द देने का संकेत दिया है।
इन दो जगहों पर प्रस्तावित
प्रदेश में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए रायपुर AIIMS और जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब प्रस्तावित है। एम्स में मशीन तक तैयार है बस उन्हें जांच के लिए जरूरी सामग्री की खरीदी की अनुमति नहीं मिल रही है। वहीं रायपुर मेडिकल कॉलेज लैब में थोड़ा तकनीकी काम बाकी है।