रायपुर/नई दिल्ली। देशभर में इस वक्त कोरोना की तीसरी लहर का असर देखा जा रहा है। प्रतिदिन संक्रमित होने वालों का आंकड़ा 3 लाख को पार कर चुका है, तो रोज होने वाली मौतों का आंकड़ा 5 सौ के पार चला गया है। देश के सभी राज्य इस भयावह दौर से गुजर रहे हैं, जहां पर संक्रमण का औसत जो 0.2 फीसदी पर आ गया था, अब 12 प्रतिशत पर चढ़ चुका है। यदि अब भी सतर्कता नहीं बरती गई, तो भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
देश में बीते एक माह के दौरान बड़ी तादाद में लोग कोरोना की तीसरी लहर के चपेट में आए हैं। शुरुआती दौर में मौतों का आंकड़ा परेशान करने वाला नहीं था, लेकिन गुजरते वक्त के साथ अब आ रहे मामले चौंकाने वाले हैं। देश के सभी राज्यों में बिगड़ते हालात की वजह वैक्सीनेशन है, जिससे लोग अब भी भाग रहे हैं।
अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि तीसरी लहर में होने वाली 60 फीसदी मौत की वजह वैक्सीनेशन है। दरअसल, देश में अब भी लाखों लोग हैं, जिन्होंने या तो वैक्सीन का पहला डोज लिया है, या फिर पहला डोज भी नहीं लिया है। इस आधार पर जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबिक कोविड से संक्रमित होने वालों में मरने वालों की संख्या ऐसे ही लोगों की ज्यादा है। और यह आंकड़ा बढ़ता गया तो, आश्चर्य का विषय नहीं होगा।
दोनों डोज के बाद बूस्टर भी जरुरी
जिन लोगों ने दोनों डोज लगवाया है, वे कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित तो हो रहे हैं, लेकिन स्थिति गंभीर नहीं हो रही है, पर यह इम्यूनिटी पर भी निर्भर करता है, लिहाजा ऐसे लोगों को बूस्टर डोज की आवश्यकता पड़ रही है। लेकिन जिन्होंने सिंगल डोज लगवाया है, या डोज नहीं लगवाया है, उनके लिए समय खतरनाक है, लिहाजा उन्हें संभलकर रहने और डोज लगवाने की आवश्यकता है।
जीवन बचाएगा वैक्सीन
कोरोना से निजात मिल पाना फिलहाल संभव नहीं है, लेकिन कोरोना की चपेट में आकर गंभीर स्थिति से बचने का सबसे सरल उपाय केवल वैक्सीनेशन ही है। अध्ययन में यह स्पष्ट हो चुका है कि ज्यादातर मौत की वजह वैक्सीन नहीं लगवाना ही है। ऐसे में वैक्सीनेशन कराकर जान को सुरक्षित रखा जा सकता है।