वाशिंगटन। अमेरिका (US) के कोलोराडो में एक महिला ने अपनी ऐसी सच्चाई बताई जिसे जानकर भी लोग यकीन नहीं कर पा रहे हैं. दरअसल साल 2013 में करीब 32 साल की उम्र में कैमरून न्यूजॉम को एक दुर्लभ तरह का कैंसर होने के बाद उनकी जीभ का काफी हिस्सा काटना पड़ा था. इसके बाद जीभ को पहले जैसा आकार देने के लिए उनकी जांघ के टिस्यू और स्किन का इस्तेमाल हुआ.
जान बची पर नहीं कर सकतीं कुछ काम
कैंसर को हराकर कैमरून की जान तो बच गई लेकिन वो अभी तक खाने पीने का स्वाद ढंग से नहीं ले पा रही हैं. दरअसल जब जांघ की स्किन को जीभ पर लगाया गया तो उसके साइड इफेक्ट भी देखने को मिले. उनकी जीभ के कुछ हिस्से पर बाल निकल आए.
आईने में देखा तो वहां बाल उगने लगे
ठीक होने के कई साल बाद भी उनकी जीभ में कुछ साइड इफेक्ट देखने को मिले जिसके चलते वो लगातार बहुत देर तक बोल नहीं सकती हैं. हालांकि उनकी आवाज काफी हद तक साफ हो चुकी है. हालांकि स्वाद की बात करें तो उन्हें सिर्फ जीभ के दाहिने और बाएं हिस्से से टच होने पर ही स्वाद महसूस होता है. कैमरून ने टिक टॉक पर स्टोरी बताने के दौरान मुस्कुराते हुए कहा कि उन्हें किस करने में भी दिक्कत होती है.
दुर्लभ बीमारी
कैमरून के शरीर में कैंसर का पहला लक्षण उनकी जीभ पर बना एक दर्द रहित सफेद धब्बा था, जो बायोप्सी में कैंसर निगेटिव निकला. इसके एक साल बाद, जीभ में दूसरी जगह ऐसा स्पॉट दिखने लगा लेकिन जांच में कुछ नहीं निकला. लेकिन उनकी जीभ इतनी संवेदनशील और दर्दनाक हो गई कि वह मुश्किल से खा, पी या बात कर सकती थीं.
ये ऐसा पहला मामला नहीं
दरअसल जीभ के ऐसे ट्रांसप्लांट का ये पहला मामला नहीं है. दो साल पहले 2020 में ब्रिटेन (UK) में 48 साल के एनाबेल लविक को जीभ के कैंसर का पता चला था. 10 घंटे की सर्जरी में, डॉक्टरों ने उसकी जीभ का एक तिहाई हिस्सा निकाल दिया और उसे जांघ के टिस्यू से बदल दिया गया.