दुनियाभर में ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) के बीच ओमिक्रॉन का नया स्ट्रेन (Omicron new strain) आ गया है। इस वैरिएंट को BA-2 (BA-2 variant of corona) नाम दिया गया है। मध्य प्रदेश के इंदौर में ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA-2 (Omicron Sub Variants BA-2) ने दस्तक दे दी है। ओमिक्रॉन के नए स्ट्रेन से शहर में 16 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इनमें 6 बच्चे भी शामिल हैं। वहीं, देशभर से 530 सैंपल्स जांच के लिए भेजे गए है।
यूके, ऑस्ट्रेलिया और डेनमार्क में भी BA-2 के मामले सामने आए हैं। ये वैरिएंट ओमिक्रॉन की तरह ही तेजी से फैलता है। ऐसे में इसकी पहचान न होने पर इसके संक्रमण को रोक पाना बड़ी चुनौती है। चिंता की बात यह है कि ये स्ट्रेन टेस्ट किट की पकड़ में भी नहीं आ रहा है। इसी वजह से इसे ‘स्टेल्थ’ यानी छिपा हुआ वर्जन कहा जा रहा है। ब्रिटेन, स्वीडन और सिंगापुर में से हर एक देश ने 100 से ज्यादा सैंपल जांच के लिए भेजे हैं।
अंडर इनवेस्टिगेशन श्रेणी में है ये वैरिएंट
अभी तक ये नहीं पता चल पाया है कि इस वर्जन का पहला मामला कहां मिला है। ब्रिटिश स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक, ब्रिटेन में पहली बार 6 दिसंबर 2021 को इस स्टेल्थ वर्जन का पता चला था। वहां इसके 426 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। यह दूसरे वैरिएंट्स के मुकाबले तेजी से फैलता है। इसे ब्रिटेन में अंडर इनवेस्टिगेशन श्रेणी (Under Investigation Category) में रखा गया है।
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जुटाए जा रहे आंकड़े
कोरोना के नए वैरिएंट्स को पहचानने के लिए पिछले साल 17 नवंबर से ‘ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इन्फ्लुएंजा’ (Global Initiative on Sharing All Influenza) के तहत सारे देशों से डेटा जुटाया जा रहा है। अब तक भारत समेत करीब 40 देश अपने आंकड़े भेज भी चुके हैं।
क्या है इसका लक्षण?
कोरोना के नए वैरिएंट BA-2 के लक्षण ओमिक्रॉन के जैसे ही हैं। ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए जिस जेनेटिक सोर्स को देखते हैं, वो BA-2 में पता नहीं चल रहा है। ऐसे में जेनेटिक सीक्वेंसिंग के जरिए ही इस वैरिएंट की पहचान की जा सकती है।