ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। इंडोनेशिया (Indonesia) के पश्चिमी पापुआ प्रांत (West Papua province) में एक नाइटक्लब इमारत में भीषण आग (Fire in Nightclub) लग गई. नाइटक्लब के भीतर दो समूहों के बीच भीषण भिड़ंत हो गई, जिसके परिणामस्वरूप इसमें आग लगी. इस हादसे में 19 लोगों की मौत भी हुई है. अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. वेस्ट पापुआ पुलिस के प्रवक्ता एडम एरविंडी ने मेट्रो टीवी पर कहा कि मृतकों में से एक सोरोंग शहर (Sorong city) के क्लब में सोमवार रात संघर्ष करने वाले समूहों का सदस्य था और आग लगने के बाद घटनास्थल से 18 शव मिले थे।
सोरोंग के पुलिस प्रमुख आर्य न्योतो सेतियावान ने एक बयान में कहा, यह संघर्ष बीती रात (सोमवार) रात 11 बजे शुरू हुआ. शनिवार को हुई झड़प से पहले से ही ये संघर्ष चल रहा था. इंडोनेशियाई पुलिस के प्रवक्ता अहमद रमजान के अनुसार, दो अलग-अलग जातीय समूहों के बीच हुई लड़ाई में माचे, तीर और मोलोटोव कॉकटेल का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कहा कि पश्चिम पापुआ क्षेत्रीय पुलिस ने आगे होने वाली झड़पों से बचने के लिए तुरंत धार्मिक और पारंपरिक नेताओं के साथ समन्वय स्थापित किया. फिलहाल पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि आग किसने लगाई और हिंसा के पीछे कौन था।
गलतफहमी की वजह से छिड़ी लड़ाई
पुलिस ने कहा कि पश्चिमी पापुआ प्रांत में हुई हिंसा में स्थानीय लोग शामिल नहीं थे. यहां पर लंबे समय से इंसरजेंसी जारी है. आग की वजह से नाइटक्लब को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. इमारत के एंट्री गेट पर जले हुए वाहन भी देखे गए. पुलिस प्रमुख सेतियावान ने कहा, क्लब पहली मंजिल तक जल चुका था. हमने ज्यादा से ज्यादा लोगों को निकालने की कोशिश की, लेकिन आज सुबह दमकलकर्मियों द्वारा आग बुझाने के बाद हमें वहां से कुछ शव बरामद हुए. सेतियावान ने कहा कि एक गलतफहमी की वजह से दोनों समूहों के बीच लड़ाई शुरू हुई होगी. वहीं, हिंसा को रोकने के लिए पुलिस की टीम को तैनात कर दिया गया है।
विद्रोहियों ने स्कूलों और क्लीनिकों को बनाया निशाना
सोरोंग पश्चिमी पापुआ प्रांत का सबसे बड़ा शहर है. ये कोरल समृद्ध राजा अम्पैट द्वीपों का प्रवेश द्वार भी है. इसके अलावा, यहां पर एक प्रमुख बंदरगाह भी है. पश्चिमी पापुआ के अन्य इलाकों के मुकाबले ये इलाका काफी शांतिपूर्ण रहा है. गौरतलब है कि पश्चिमी पापुआ प्रांत में अलगाववादियों और इंडोनेशियाई सुरक्षाबलों के बीच संघर्ष देखने को मिला है. विद्रोहियों ने हाल ही में सड़क ठेकेदारों को निशाना बनाते हुए अपनी लड़ाई तेज कर दी है. साथ ही सेना के साथ रिश्ते रखने की बात कहते हुए स्कूलों और क्लीनिकों को भी निशाना बनाया गया है. वहीं, इसके जवाब में यहां पर सैनिकों और पुलिस की तैनाती को बढ़ा दिया गया है.