नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के नाम अपना संबोधन दिया. इसमें राष्ट्रपति ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि महामारी की वजह से इस बार धूमधाम भले ही कम हो लेकिन हमारा जज्बा बरकरार है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी मानव जाति के लिए एक असाधारण चुनौती रही है.
न्याय और समानता गणतंत्र का आधार
उन्होंने कहा कि भारत की विविधता और लोकतंत्र को पूरी दुनिया में सराहना मिलती है. यह एक तरह से एकता की भावना का प्रतीक है कि हम हर साल पूरे जोश के साथ अपना गणतंत्र दिवस मनाते हैं. साथ ही राष्ट्रपति ने कहा कि लोकतंत्र, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व वह आधारशिला है, जिस पर हमारा गणतंत्र खड़ा है.
राष्ट्रपति ने कहा कि दो दिन पहले ही नेताजी की 125वीं पर देश ने उनके बलिदान को याद किया है, जिन्होंने जय हिंद का नारा दिया था. उन्होंने कहा कि भारत की आजादी में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता और वह हमेशा हम सभी को प्रेरणा देते रहेंगे. राष्ट्रपति ने कहा हम बहुत ही सौभाग्यशाली हैं कि हमारे संविधान का निर्माण करने वाली सभा में उस दौर की सर्वश्रेष्ठ विभूतियों का प्रतिनिधित्व था. वे सभी लोग हमारे महान स्वाधीनता संग्राम के प्रमुख ध्वज-वाहक थे.
ओलंपिक मेडल विजेताओं की तारीफ
राष्ट्रपति ने कहा कि आज पूरी दुनिया कोरोना के नए वेरिएंट से लड़ रही है और सभी के सामने एक नई चुनौती है. उन्होंने कहा कि पिछले साल हमारे खिलाड़ियों ने ओलंपिक में मेडल जीतकर हमें जश्न का मौका दिया और उन सभी का आत्मविश्वाव लाखों लोगों के लिए प्रेरणादायी है.