दिल्ली सरकार( Delhi Government)ने अपनी नई आबकारी नीति के तहत अब ड्राई-डे( dry day)की संख्या घटा दी है। पहले सालभर में 21 दिन ड्राई-डे होते थे। लेकिन अब दिल्ली में सिर्फ 3 दिन ही ड्राई-डे रहेगा। इसे लेकर नया नियम लागू कर दिया गया है। इससे जाम छलकाने वालों में खुशी की लहर है। दिल्ली सरकार के इस फैसले की विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की और भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस ने कहा कि इस कदम का मकसद दिल्ली में शराब की बिक्री को बढ़ावा देना है।
जानें शरब की दुकानें किस दिन रहेंगी बंद
दिल्ली सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि लाइसेंस प्राप्त शराब और अफीम की दुकानें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गांधी जयंती (2 अक्टूबर) को बंद रहेंगी।
होटल-दुकानों पर क्या नियम होंगे लागू ?
दिल्ली आबकारी नियम 2010 (52) के प्रावधानों के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में वर्ष 2022 में 26 जनवरी, 15 अगस्त और 2 अक्टूबर को शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होगी। दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग द्वारा सोमवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि ड्राई-डे के दौरान एल-15 लाइसेंस वाले होटल संचालक अपने कमरों में मेहमानों को शराब परोस सकेंगे। हालांकि आदेश में ये भी कहा गया है कि सरकार इन तीन ड्राई-डे के अलावा साल में किसी भी दिन को समय-समय पर ‘ड्राई-डे ‘ घोषित कर सकती है।
नई आबकारी नीति कब लागू की गई ?
दिल्ली सरकार ने बीते साल नवंबर में नई आबकारी नीति को मंजूरी दी थी। जो कि 17 नवंबर से लागू है। बता दें कि न्यू एक्साइज पॉलिसी में कई नियमों में बदलाव किया गया है। सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी के तहत हर वार्ड में तीन से चार शराब की दुकानें खुल रही हैं। पहले 79 ऐसे वार्ड थे जहां एक भी शराब की दुकानें नहीं थी।
पहले किस -किस दिन होता था ड्राई-डे?
बता दें कि बीते साल तक होली, दीवाली, जन्माष्टमी, मुहर्रम, ईद-उल-जुहा (बकरीद), गुड फ्राइडे, राम नवमी, महावीर जयंती, बुद्ध पूर्णिमा, महर्षि वाल्मीकि जयंती, गुरु नानक जयंती, दशहरा समेत अन्य त्योहारों पर ड्राई-डे रहता था।
भाजपा ने किया विरोध
बता दें कि, भाजपा पहले से ही नई आबकारी नीति का विरोध कर रही थी और उसका आरोप है कि इससे रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानें खोलने को बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल सरकार लोगों, खासकर युवाओं में शराब को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने एक बयान में कहा कि भाजपा इस कदम का कड़ा विरोध करेगी और केजरीवाल सरकार को अपना फैसला वापस लेने के लिए मजबूर करेगी।
कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष ने की आलोचना
वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मुदित अग्रवाल ने भी इस कदम की आलोचना की तथा कहा कि शराब की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है और शराब की बिक्री को प्रोत्साहित करके सरकार अधिक राजस्व अर्जित करना चाहती है।