भारत आज अपना 73वां गणतंत्र दिवस (73rd Republic Day 2022) मना रहा है। इस बार गणतंत्र दिवस (Republic Day 2022) की रौनक कुछ दिनों पहले ही शुरू हो गई थी। देश को साल 1947 में अंग्रेजों से आजादी मिली थी। लेकिन तीन साल बाद 26 जनवरी, 1950 को देश में संविधान लागू हुआ। इस वजह से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाता है। हालांकि, देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। क्योंकि 26 नवंबर, 1949 को भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था। गणतंत्र दिवस समारोह का इंतजार लोगों को पूरे साल रहता है। क्या राजपथ पर और क्या घर पर, दोनों जगह देशवासियों का उत्साह एक समान होता है। इस परेड में कई ऐसी चीजें पहली बार हुई जो इस समारोह की गवाह बनी।
राजपथ से इंडिया गेट तक परेड
गणतंत्र दिवस को पूरे धूमधाम से मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन का मुख्य आकर्षण राजपथ पर होने वाली परेड होती है। ये परेड राजपथ से निकलती है और इंडिया गेट तक जाती है। इस साल परेड में 16 सैन्य दलों, 17 मिलिट्री बैंड और विभिन्न राज्यों, विभागों और सैन्य बलों की 25 झांकियों को शामिल गया है। इस दिन राष्ट्रपति राजपथ पर झंडा फहराते हैं।
विरासतों का प्रदर्शन
गणतंण दिवस के कार्यक्रम में भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना द्वारा भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत का प्रदर्शन किया जाता है। इसके साथ ही, राजपथ पर विभिन्न प्रदेशों की झाकियां निकलती हैं, जो उनके राज्यों की संस्कृति को दिखाती हैं। इस बार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस को लेकर काफी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
1950 से अब तक का समारोह
वैसे तो दशकों से राजपथ देश के गणतंत्र दिवस समारोह का साक्षी बनता आया है, लेकिन इस बीच कुछ साल ऐसे रहे जिसमें कुछ नया देखने को मिला। इस बार भी तीन नई चीजें देखने को मिलेगी। पहला कि इस बार परेड नए राजपथ पर होगी। दूसरा- समारोह की शुरुआत आधा घंटा लेट से होगी और तीसरा अबाइड विद मी की धुन नहीं बजाई जाएगी। पहले भी की समारोह ऐसे हुए हैं जो नए बदलावों के गवाह बने हैं, जैसे-
- 26 जनवरी 1950 को पहला गणतंत्र दिवस राजपथ पर नहीं, बल्कि इरविन एम्फीथिएटर में मनाया गया था।
- 26 जनवरी 1950 को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो गणतंत्र दिवस पर पहले विदेशी मेहमान बने थे।
- 26 जनवरी 1950 को पहली बार राष्ट्रपति बग्घी में बैठकर गणतंत्र दिवस समारोह में पहुंचे थे।
- 26 जनवरी 1952 को पहली बार बिना किसी विदेशी मेहमान के गणतंत्र दिवस मनाया गया था।
- 26 जनवरी 1955 को पहली बार राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड हुई थी।
- 26 जनवरी 1956 को पहली बार परेड में हाथी-घोड़े शामिल किए गए।
- 26 जनवरी 1957 में पहली बार नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी की झांकी गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुई थी।
- 26 जनवरी 1963 में पहली बार आरएसएस (RSS) की टुकड़ी गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में शामिल हुई।
- 26 जनवरी 1967 को पहली बार देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी लोक कलाकारों के साथ नृत्य करने लगीं।
- 26 जनवरी 1973 में पहली बार लोगों के बीच जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल लाई गई।
- 26 जनवरी 2008 को पहली बार महिला राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल ने परेड की सलामी ली थी।
- 26 जनवरी 2016 को पहली बार विदेशी सैनिकों की टुकड़ी ने राजपथ पर होने वाली परेड में हिस्सा लिया था।
- 26 जनवरी 2021 को राजपथ पर पहली बार लद्दाख की झांकी दिखी।
- 26 जनवरी 2021 को पहली बार महिला पायलट ने परेड में फ्लाई पास्ट का नेतृत्व किया।
9 दिसंबर, 1946 को संविधान सभा का पहला सत्र
26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ हुआ। संविधान सभा, जिसका उद्देश्य भारत के संविधान का मसौदा तैयार करना था, उसने अपना पहला सत्र 9 दिसंबर, 1946 को आयोजित किया। अंतिम सत्र 26 नवंबर, 1949 को खत्म हुआ और फिर एक साल बाद संविधान को अपनाया गया। मालूम हो कि भारत को आजादी तीन साल पहले साल 1947 को ही मिल गई थी।
पूर्ण स्वराज की घोषणा
गणतंत्र दिवस (Republic Day 2022) स्वतंत्र भारत की भावना का प्रतीक है। इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। ये दिन भारतीय जनता को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने की शक्ति की भी याद दिलाता है। देश में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश भी होता है।