अमृतसर। भारत के 73वें गणतंत्र दिवस समारोह (73rd Republic Day) के मौके पर अटारी-वाघा बॉर्डर (Attari-Wagah Border) पर सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने भारत के शौर्य का प्रदर्शन किया. भारत-पाक सीमा पर होने वाली बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी (Beating Retreat Ceremony) में सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने बखूबी भारत के जोश और जज्बे का नमूना पेश किया. इससे पहले अटारी वाघा बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच मिठाइयों का आदान प्रदान हुआ. इस दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स ने बीएसएफ अधिकारियों को 73वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी. इससे पहले दिवाली पर भारत-पाकिस्तान के अधिकारियों ने एक-दूसरे को मिठाई दी थी.
#WATCH Beating Retreat ceremony at the Attari-Wagah border near Amritsar, Punjab on #RepublicDay pic.twitter.com/EEXxUQWdk9
— ANI (@ANI) January 26, 2022
स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस के अलावा ईद, होली, दिवाली जैसे खास मौकों पर पर भारत और पाकिस्तान के बीच मिठाइयों के आदान-प्रदान की परंपरा रही है. पिछली बार गणतंत्र दिवस के मौके पर बीएसएफ ने दोनों देशों को बीच खराब हुए द्विपक्षीय संबंधों के चलते पाकिस्तान रेंजर्स के अधिकारियों के साथ मिठाई का आदान-प्रदान नहीं किया था.
#WATCH | Beating Retreat ceremony organised at the Attari-Wagah border near Amritsar, Punjab on the occasion of #RepublicDay pic.twitter.com/uRs83cjiIX
— ANI (@ANI) January 26, 2022
भारत और पाकिस्तान पारंपरिक रूप से कई वर्षों से अटारी-वाघा सीमा पर रिट्रीट समारोह आयोजित करते रहे हैं और इस कार्यक्रम में दोनों देशों के लोगों के साथ-साथ विदेशी नागरिक भी बड़ी संख्या में भाग लेते हैं लेकिन भारत के राष्ट्रीय पर्वों पर यह नजारा बेहद ही खास हो जाता है.
यह आयोजन पाकिस्तान के वाघा बॉर्डर के सामने अटारी संयुक्त जांच चौकी पर आयोजित किया जाता है जोकि अमृतसर शहर से लगभग 26 किमी दूर है. इस दौरान बीएसएफ के जवान पाक रेंजर्स के साथ परेड करने के बाद राष्ट्रीय ध्वज सम्मान सहित उतारने की रस्म अदा करते हैं.
क्यों होती है अटारी-वाघा सीमा पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी
भारत-पाकिस्तान के जवानों की ओर से की जाने वाली साझा बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी दोनों देशों के बीच मित्रतापूर्ण संबंधों के लिए आयोजित की जाती है ताकि सीमा पर समन्वय बना रहे. कई मौकों पर इस आयोजन को रद्द भी किया जा चुका है. 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान भी कुछ समय तक के लिए सेरेमनी को रद्द करना पड़ गया था. इसके अलावा कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद भी इस आयोजन को रद्द कर दिया गया था. सात मार्च, 2020 से निलंबित रहने के बाद इसे पिछले साल 15 सितंबर को बहाल किया गया था. हालांकि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दैनिक ‘रिट्रीट समारोह’ में जनता के प्रवेश को 5 जनवरी से एक बार फिर से रोक दिया गया है.