रायपुर। देश के उत्तरी हिस्से में भारी बर्फबारी (snowfall) की वजह से वहां से आने वाली सर्द हवाओं ने पूरे छत्तीसगढ़ को कड़ाके की सर्दी की चपेट में ले लिया है। सरगुजा, बिलासपुर और दुर्ग संभाग के कई इलाकों में शीतलहर चल रही है। उत्तरी और मध्य छत्तीसगढ़ के जंगल-पहाड़ों में तापमान 4 डिग्री के करीब पहुंच गया है। राजधानी के आउटर में भी शीतलहर जैसे हालात हैं। बीते दो दिनों में प्रदेश के कई इलाकों सहित शहर में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इसे देखते हुए मौसम विभाग (weather department) ने अगले 24 घंटे में सरगुजा, दुर्ग और बिलासपुर संभाग में शीतलहर के साथ कोल्ड-डे (cold day alert) का अलर्ट भी जारी कर दिया है।
उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं से प्रदेश में कड़ाके की ठंड की वापसी हो गई है। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में पिछले साल जैसे दिसंबर के आखिरी हफ्ते में ठंड पड़ रही थी, वैसी ठंड पड़ रही है। सबसे कम तापमान बलरामपुर का 4 डिग्री दर्ज किया गया।
बार-बार करवट बदल रहा छत्तीसगढ़ का मौसम, साफ होती ही बढ़ सकती है ठंड
सबसे ज्यादा ठंड सरगुजा संभाग में
सरगुजा संभाग के ज्यादातर इलाकों में शीतलहर चल रही है। अंबिकापुर, डूमरबहार जशपुर, कोरिया में तापमान 8 डिग्री से नीचे है। लोग सुबह अलाव तापते नजर आए। दुर्ग में भी शीतलहर चली। वहां न्यूनतम तापमान 9 डिग्री रिकार्ड किया गया, जो सामान्य से 6 डिग्री कम है। राजधानी में यानी मौसम विज्ञान केंद्र लालपुर में न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री रहा, लेकिन माना एयरपोर्ट पर 10 डिग्री तक पहुंच गया।
बच्चों और बुजुर्गों को खास देखभाल की जरूरत
ठंड बढ़ने से नवजात और छोटे बच्चों को हाइपोथर्मिया (hypothermia) का खतरा हो सकता है। अंबेडकर अस्पताल में पीडिया की एचओडी डॉ. शारजा फुलझेले ने बताया कि जब शरीर का निर्धारित तापमान 37 डिग्री से कम हो जाए तो बच्चों के बीमार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। डॉक्टरों के मुताबिक ज्यादा ठंड में बुजुर्गों को हार्ट अटैक या ब्रेन हेमरेज की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे समय में उन्हें घर से बाहर भेजना खतरनाक हो सकता है। जरूरी हो तो गर्म कपड़े और कान ढंककर जाएं। मौसम विज्ञानियों के अनुसार 28 जनवरी को प्रदेश का बड़ा इलाका शीतलहर की चपेट में रहनेवाला है। वहां दिन में भी काफी ठंड रहेगी, इसलिए कोल्ड-डे का अलर्ट (cold day alert) जारी किया गया है।