राजनांदगांव। शहर के वार्ड नम्बर 42 के पार्षद ऋषि शास्त्री ने शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं की जनभागीदारी फीस भरने के लिए अपने 1 माह का वेतन दान दिया है, जिससे लगभग 20 छात्र छात्राओं की जनभागीदारी शुल्क जमा होगी।
शासकीय दिग्विजय कॉलेज में जनभागीदारी शुल्क 30 रूपये से बढ़ाकर 430 रूपये कर दिया गया है। जिसका विरोध लगातार छात्र-छात्राएं कर रहे हैं। इस दौरान आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं की मदद के लिए वार्ड नंबर 42 बसंतपुर क्षेत्र के पार्षद ऋषि शास्त्री सामने आए हैं और अपने 1 माह का वेतन 7 हजार 7 सौ रूपये दान कर छात्र छात्राओं के लिए जनभागीदारी शुल्क जमा करने की पहल की है। इसकी शुरुआत करते हुए आज पार्षद ऋषि शास्त्री ने 3 विद्यार्थियों का शुल्क जमा किया है, जिनमें दिव्यांग और अन्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थी शामिल है। पार्षद ऋषि शास्त्री का कहना है कि जब वे इस कॉलेज में पढ़ते थे तब उनके पास भी फीस जमा करने रुपए नहीं रहते थे, तब उनकी फीस कॉलेज के प्राध्यापक जमा कर दिया करते थे, अपने उन्हीं दिनों को याद करते हुए ऋषि शास्त्री ने जनभागीदारी शुल्क के रूप में लिए जा रहे हैं 430 रूपये को अपने वेतन से देने का निर्णय लिया। ऋषि शास्त्री दिग्विजय महाविद्यालय में जनभागीदारी समिति के सदस्य भी हैं ऐसे में उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर छात्र छात्राओं के दर्द को महसूस किया और 20 विद्यार्थियों के लिए अपने 1 माह का वेतन जमा कर दिया।
जनभागीदारी समिति सदस्य एवं पार्षद ऋषि शास्त्री ने दिग्विजय महाविद्यालय से ही अध्ययन किया है और वे यहां छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे हैं। राजनांदगांव शहर के वार्ड नंबर 42 के कांग्रेस पार्षद ऋषि शास्त्री के द्वारा दिव्यांग और आर्थिक रुप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए फीस देने अपना एक माह का वेतन दान किये जाने को लेकर उनके प्राध्यापकों ने भी उनकी प्रशंसा की, तो वही लाभार्थी विद्यार्थियों ने भी पार्षद ऋषि शास्त्री के इस कार्यों की सराहना करते हुए उनका धन्यवाद किया है।
पार्षद ऋषि शास्त्री समाज सेवा के काम में निरंतर जुटे रहते हैं, वहीं वह शहर में पशु प्रेमी के नाम से भी जाने जाते हैं। गौ सेवा के क्षेत्र में आगे रहने वाले ऋषि शास्त्री ने जनभागीदारी शुल्क जमा नहीं कर पाने वाले विद्यार्थियों की मदद के लिए अपना हाथ बढ़ाया है और उन्होंने 20 छात्र छात्राओं की प्रवेश शुल्क जमा करने का जिम्मा उठाया है। जिसके तहत अपने 1 माह का वेतन 20 छात्र छात्राओं के लिए जमा करा दिया है, ताकि फीस के अभाव में कोई भी विद्यार्थी अपनी शिक्षा से वंचित न रहे।