आज की दौड़भाग वाली जिंदगी आखिर किस लिए है। शायद इसलिए कि आने वाला वक्त सुख—समृद्धि के साथ शांति से गुजर सके। मन की इच्छाओं को पूरी की जा सके, लेकिन जाने—अनजाने में कई बार ऐसी गलतियां होती रहती हैं, जिसकी वजह से भरपूर मेहनत के बावजूद भी कामयाबी में कहीं ना कहीं कमी रह जाती है। जिसकी वजह से महालक्ष्मी की कृपा कमजोर पड़ जाती है और इंसान खुद को कोसते रहता है।
शास्त्रों में जीवन प्रणाली को लेकर कई बातों की जानकारी मौजूद है, लेकिन हर बात को हर कोई जान ले, पढ़ ले ऐसा नहीं हो पाता है। कुछ ऐसा ही यह तथ्य भी है। हर घर में चौखट होता ही है और हर इंसान महालक्ष्मी की कृपा के लिए प्रयत्नशील होता है, लेकिन छोटी—छोटी बातों को गौर नहीं करने की वजह से मन की इच्छा पूरी नहीं हो पाती।
चौखट और महालक्ष्मी का संबंध
शास्त्रों के मुताबिक घर की चौखट यानि दहलीज में भगवान का वास होता है। अक्सर घर के बड़े-बुजुर्गों कहते हैं कि घर की चौखट पर खड़ा नहीं रहना चाहिए। साथ ही दादी-नानियां भी कहती हैं कि घर की दहलीज पर बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए। अधिकांश घरों के मेन गेट और रसोई की दहलीज लकड़ी की होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार घर की दहलीज पर बैठना, उस पर पैर रखकर जाना या फिर उस पर बैठना दरिद्रता को आमंत्रण देता है।
जूते—चप्पल पहन ना लांघे चौखट
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक घर के चौखट के सामने ना जूते—चप्पल छोड़ने चाहिए और ना ही उन्हें लांघना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी का अपमान होता है और वो घर से चली जाती है। जिस कारण घर-परिवार में धन से जुड़ी समस्या लगी रहती है। ना ही चौखट पर बैठकर नाखून काटना चाहिए। साथ ही घर की दहलीज पर कैलेंडर या घड़ी इत्यादि नहीं टांगना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। GRAND NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है।)