कोरोना महामारी corona virus में सभी को अपनी इम्युनिटी स्ट्रांग करना आवशयक है। ताकि सभी लोग स्वास्थ्य रहे। मांसाहारी भोजन non veg food के कई सारे अच्छे-बुरे प्रभाव बताए जाते रहे हैं। कई अध्ययनों में मांसाहार खासकर रेड मीट को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी माना गया है। इसी क्रम में शोधकर्ताओं की एक टीम ने अपने अध्ययन में पाया है कि ज्यादा मांस खाने से पेट में पाए जाने वाले कुछ खास किस्म के लाभकारी बैक्टीरिया (माइक्रोबायोम) में कमी होती है और इम्यून सेल्स बढ़ जाते हैं, जिससे मल्टीपल स्क्लेरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। यह अध्ययन ईबायोमेडिसिन जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
also read : यदि आपको दिख रहे है यह लक्षण, तो हो जाए सतर्क, OMICRON की चपेट आ सकते है
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) एक आटो इम्यून रोग है, जिससे दुनियाभर में करीब 30 लाख लोग पीड़ित हैं। अमेरिका में तो इस रोग के इलाज पर सालाना 28 अरब डालर का खर्च होता है। एक तथ्य यह सामने आया है कि यह बीमारी विशिष्ट क्षेत्रों में खासकर उत्तरी मध्य अक्षांश वाले इलाके में ज्यादा पाई गई है। इससे यह भी पता चलता है कि खान-पान से जुड़ी बीमारियों के जोखिम में भौगोलिक क्षेत्र का भी संबंध होता है।
also read : यदि आपको दिख रहे है यह लक्षण, तो हो जाए सतर्क, OMICRON की चपेट आ सकते है
शोधकर्ताओं के मुताबिक, पाया गया कि पेट के बैक्टीरिया और एमएस तथा उसकी गंभीरता के बीच संबंध हैं। रोगियों में आटोइम्यून मार्कर और सिग्नेचर मेटाबोलाइट्स भी ज्यादा पाया गया। लेकिन यह जानना वाकई दिलचस्प था कि ये एक-दूसरे से किस प्रकार से जुड़े हैं और उसमें खानपान की क्या भूमिका है।
also read : यदि आपको दिख रहे है यह लक्षण, तो हो जाए सतर्क, OMICRON की चपेट आ सकते है
उन्होंने बताया कि खानपान, गट माइक्रोबायोम, इम्यून सिस्टम तथा मेटोबोलिज्म और एमएस के पैथोजनेसिस व उसके बढ़ने के बीच एकीकृत संबंधों के बारे में यह पहला अध्ययन है। इससे पता चलता है इस जटिल प्रक्रिया में किसी एक कारक पर ही विचार किया जाना सही नहीं होगा।