महाराष्ट्र के पिम्परी-चिंचवाड़ (Pimpari Chinchwad) में हुए एक बिटकॉइन ट्रेडर के अपहरण की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. इस मामले में पुलिस ने एक पुलिस कांस्टेबल सहित कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में सबसे ज्यादा चौकाने बात यह है कि इस पूरी किडनैपिंग का मुख्य मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि पिम्परी-चिंचवाड़ पुलिस का ही एक पुलिसकर्मी था, जिसने 300 करोड़ की बिटकॉइन को पाने के लिए अपने साथियों के साथ मिलकर यह साज़िश रची थी.
पिम्परी-चिंचवाड़ पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किया गया आरोपी पुलिस कांस्टेबल दिलीप तुकाराम खंडारे विशेष साइबर क्राइम सेल में कार्यरत था. खंडारे को यह जानकारी मिली कि बिटकॉइन ट्रेडर विनय नाइक के पास 300 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी है. करोड़ों की क्रिप्टोकरेंसी को देखकर उसके मन मे लालच आ गया और उसने अपने हिस्ट्रीशीटर दोस्तों के साथ मिलकर विनय नाइक का किडनैप करने साज़िश की रच डाली. साज़िश के तहत 14 जनवरी को विनय नाइक को किडनैप करके एक होटल में ले जाकर रखा गया और फिर उसके परिवार से फिरौती मांगी गई. पीड़ित नाइक के दोस्त ने इसकी जानकारी वाकड पुलिस स्टेशन को दी.
अपहरण में इस्तेमाल की गई गाड़ी के साथ किया गया गिरफ्तार
इस जानकारी के मिलते ही फौरन पुलिस हरकत में आई और दो टीमें पूरे मामले की जांच में लगाई गई. इलाके के कई सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन की छानबीन शुरू की गई. पुलिस की मुस्तैदी देखकर मुख्य साजिशकर्ता कांस्टेबल दिलीप खंडारे को यह हिंट मिल गया और आरोपियों की गिरफ्तारी होने के डर के चलते पीड़ित विनय नाइक को छोड़ दिया.
रिहा होने के बाद नाइक ने 300 करोड़ की बिटकॉइन के लिए किडनैप करने की बात पुलिस को बताई. उसकी जानकारी के आधार पर पुलिस ने मुम्बई से चार आरोपियों सुनील शिंदे, वसंत चव्हाण, फ्रांसिस डिसूजा और मयूर शिर्के को अपहरण में इस्तेमाल की गई कार के साथ गिरफ्तार कर लिया. इनसे पूछताछ में पता चला कि इसमें चार और लोग शामिल हैं और इस साज़िश का मास्टरमाइंड कांस्टेबल दिलीप खंडारे है. इसके बाद पुलिस ने खंडारे सहित 4 और आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी कांस्टेबल दिलीप खंडारे को साइबर की काफी तकनीकी जानकारी है और उसने कई सारे कोर्स भी किया हुआ है. फिलहाल पुलिस इस मामले की आगे की जांच में जुटी हुई है.