भारत ने शुक्रवार से शुरू हो रहे बीजिंग शीतकालीन ओलिंपिक का राजनयिक बहिष्कार करने का फैसला किया है। भारत ने गुरुवार को एलान किया कि उसके शीर्ष राजनयिक अधिकारी बीजिंग विंटर ओलिंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह में भाग नहीं लेंगे। ओलंपिक से जुड़े मशाल रिले कार्यक्रम में गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों की मार से घायल सैनिक को चीन सरकार की तरफ से मशाल वाहक बनाए जाने पर भारत ने अफसोस जताया है। भारत ने चीन सरकार के इस फैसले को ओलिंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण करने के तौर पर चिह्नित किया है। विरोध स्वरूप भारत ने उद्घाटन और समापन समारोह में अपने किसी भी राजनयिक को नहीं भेजने का फैसला किया है। साथ ही भारत के सरकारी टीवी चैनल दूरदर्शन की तरफ से भी यह घोषणा की गई है कि उद्घाटन और समापन समारोह का प्रसारण नहीं किया जाएगा।
चीन द्वारा गलवान सैनिक को मशालवाहक बनाने की खबरों पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह खेदजनक है कि चीन ने ओलंपिक का राजनीतिकरण करना चुना है। बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में भारतीय दूत शामिल नहीं होंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि भारत ने पीओके के एक पूर्व राष्ट्रपति की अमेरिका में नामित राजदूत के रूप में पुष्टि को अवरुद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चीन ने शीतकालीन ओलंपिक का राजनीतिकरण किया है। भारत का कहना है कि बीजिंग में प्रभारी डी’एफ़ेयर उद्घाटन, समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे।
बुधवार को लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ‘पाकिस्तान-चीन’ टिप्पणी पर आज सरकार ने बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि मुझे लगता है कि विदेश मंत्री के ट्वीट स्वतः स्पष्ट हैं। उन्होंने संसद में चर्चा के बाद सिलसिलेवार ट्वीट्स जारी किए थे। मेरे पास इसमें जोड़ने के लिए कुछ नहीं है।पेगासस पर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि कथित मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक समिति कर रही है। इस मामले में विदेश मंत्रालय के पास कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
2017 में प्रधानमंत्री की इज़राइल यात्रा के संबंध में, सात समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए, जिनका विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। अरिंदम बागची ने बताया कि क्वाड विदेश मंत्रियों की आखिरी मुलाकात वस्तुतः फरवरी 2021 में हुई थी। अगली बैठक इस महीने के अंत में मेलबर्न में होने की उम्मीद है। हम जल्द ही इस पर एक अपडेट साझा करने की उम्मीद करते हैं। किसी दूसरे देश के राजदूत की नियुक्ति में देरी के लिए किसी तीसरे देश को दोष देना बेतुका है।