रायपुर। सांसद राहुल गांधी साइंस कॉलेज मैदान पहुंच चुके हैं। यहां आते ही उन्होंने सबसे पहले वहां लगे स्टॉल्स का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विकास प्रदर्शनी के स्टॉल में मिट्टी के दीये बनाए (Rahul Gandhi made lamp)। इसके अलावा राहुल गांधी ने विभिन्न स्टॉल्स का निरीक्षण भी किया।
मिट्टी के दीये बनाने के अलावा राहुल गांधी ने विकास प्रदर्शनी में कांकेर वैली सीताफल परियोजना (Sitaphal Project) का अवलोकन किया। उन्होंने कांकेर जिले में सीताफल से पल्प और आइसक्रीम बनाने की तकनीक की जानकारी ली। उन्होंने इसकी सराहना करते हुए कहा कि सीताफल को अच्छी आमदनी का जरिया बनाना प्रशंसनीय कार्य है। विकास प्रदर्शनी के स्टाल में सतीश मिश्रा ने बताया कि जिले में इससे 5000 परिवारों को इससे रोजगार मिल रहा है। इन परिवारों को 62 लाख रुपये की आमदनी हुई है।
इरिगेशन प्रोजेक्ट के बारे में ली जानकारी
इसके अलावा उन्होंने बस्तर अंचल के सुकमा जिले के गिरदाल पारा हाइड्रो पावर बेस्ड पंपिंग स्किम इरिगेशन प्रोजेक्ट (Hydro Power Based Pumping Scheme Irrigation Project) की सराहना की। जल संसाधन विभाग द्वारा विकास प्रदर्शनी के डोम में इसका मॉडल प्रदर्शित किया गया है। यहां बिना बिजली और बिना अन्य ईंधन के 24 घंटे सिंचाई होती है। इससे सैकड़ों किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
कलागुड़ी का अवलोकन
इसके साथ ही राहुल गांधी ने विकास प्रदर्शनी स्थल में कलागुड़ी का अवलोकन किया। उन्होंने ढोकरा (बेल मेटल), रॉट आयरन, तुम्बा, शिशल, काष्ट, बांस आदि प्राचीन कलाओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए बस्तर जिले में विकसित कलागुड़ी को बस्तर आर्ट के विकास के लिए उल्लेखनीय बताया। राहुल गांधी के पूछने पर बताया गया कि कलागुड़ी से अब तक इससे 500 से भी ज्यादा कारीगरों के परिवार लाभांवित हो रहे हैं। इन परिवारों को लगभग 2 लाख रुपये से ज्यादा आय हो रही है। बीजापुर जिले में बांस शिल्पकला और फर्नीचर निर्माण में लगी महिलाएं अब बांस उत्पाद निर्मित कर उन्हें अन्य प्रदेशों के बाजारों में क्रय उपलब्ध कर रही हैं। दैनिक आजिविका के साथ अतिरिक्त मासिक आमदनी 2500 से 3000 रुपये की आय अर्जित कर रही हैं।