कोरबा। बच्चों के लिए संचालित मातृछाया चिल्ड्रन होम(Matruchhaya Children’s Home)से शुक्रवार को एक 3 माह की बच्ची की मौत का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि जिस बच्ची की मौत हुई है वो 3 महीने पहले दीपका क्षेत्र के एक खेत में पड़ी हुई मिली थी। हालांकि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने प्रथम दृष्टया किसी भी स्तर पर लापरवाही(careless ) को खारिज किया है।
read more :कर्मठ पुलिस अफ़सर: कोरबा SP भोजराम पटेल के प्रयास से महिला को वापस मिली रकम
जानकारी के मुताबिक मृत बच्ची दीपका क्षेत्र में नवंबर के महीने में खेत में पड़ी हुई मिली थी। बच्ची काफी गंभीर हालत में मिली थी, जिसके बाद 15 दिनों तक बच्ची का अस्पताल(hospital ) में इलाज किया गया। हालत में सुधार होने पर बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद मातृछाया में रखकर उसका पालन पोषण किया जा रहा था। इसी दौरान शुक्रवार को बच्ची को अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगी। जिसके बाद मातृछाया में पदस्थ कर्मचारी उसे अस्पताल(hospital ) लेकर पहुंचे। हॉस्पिटल पहुंचते ही डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया।
पैदा होने के बाद से ही हालत नाजुक – महंत
जिला बाल संरक्षण अधिकारी दया दास महंत ने बताया कि ‘मातृछाया में फिलहाल 15 बच्चे मौजूद हैं। जिस बच्ची की मौत हुई है वह 3 महीने की थी। पैदा होने के बाद से ही उसकी हालत काफी नाजुक थी और उसे सांस लेने में भी तकलीफ थी। फिलहाल बच्ची के शव का पोस्टमार्टम(post mortem ) कराया जा रहा है। रिपोर्ट(report ) के आधार पर जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी की जाएगी। प्रथम दृष्टया किसी तरह की लापरवाही नहीं दिख रही है। जांच के बाद ही कुछ पता चल पाएगा।
बता दें कि कोरबा(korba ) में मातृछाया चिल्ड्रन होम का संचालन NGO द्वारा किया जाता है, जो निहारिका क्षेत्र में किराए के मकान में संचालित है।