कोरबा| खरमोरा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता की कार को आग लगाने का मामला (RTI activis car set on fire) पिछले दिनों सामने आया था| इस मामले में पुलिस ने अंशु पलेरिया नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है | वहीं अंशु पलेरिया ने मनीष राठौर पर ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाया है |
कोल माफिया अंशु पलेरिया (Coal Mafia Anshu Paleria) ने कहा की मेरा ट्रांसपोर्ट का काम है| आरटीआई कार्यकर्ता मनीष राठौर (RTI activist Manish Rathore) मेरा बचपन का दोस्त है, लेकिन वह मुझे लगातार ब्लैकमेल कर रहा था| कभी पुलिस के जरिए तो कभी खनिज विभाग के जरिए मेरी गाड़ियों को रुकवाकर पैसों की मांग कर रहा था| अंशु पलेरिया ने न सिर्फ गाड़ी जलने की बात स्वीकारी है, बल्कि उसने यह भी खुलासा किया है की जिले के कई अधिकारी भी मनीष राठौर को पैसे देते हैं|
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27-28 लाख रुपये की मांग
अंशु ने मनीष पर करीब 27–28 लाख रुपये वसूलने का आरोप लगाया है| अंशु ने कहा कि घटना के दिन भी वह एक लाख रुपये की मांग कर रहा था, जिसका प्रमाण मेरे पास मौजूद है |
ये है पूरा मामला
कोरबा में कोयले के अवैध व्यापार (illegal coal trade) का किंग कहे जाने वाले अंशु पलेरिया की अच्छी पैठ है| कोरबा के कई ठिकानों पर अंशु के लोग साइकिल वालों से कोयला खरीदकर ट्रकों में सप्लाई करते हैं| पिछले दिनों तहसीलदार की टीम ने नकटीखार में संचालित अवैध कोल डिपो में छापामार कार्रवाई की|इस दौरान अवैध कोयला सहित आधा दर्जन गाड़ियों को जब्त किया गया था| लेकिन इस मामले में अंशु पलेरिया को आरोपी नहीं बनाया गया| आरोप है कि पलेरिया के कई ठिकानो पर छापामार कार्रवाई की गई थी, वहां सिर्फ कोयला जब्त कर कार्रवाई को ही संदिग्ध बता दिया गया है |