रायपुर। स्वर साम्राज्ञी भारत रत्न लता मंगेश्कर की सांसों के साथ ही भारतीय गीत—संगीत का स्वर्णिम युग भी आज थम गया है। आज पूरा देश लता दीदी के इस दुनिया को अलविदा कहने पर शोक में डूबा है। आवाज जिनकी पहचान थी, पूरी दुनिया जिस आवाज की कायल थी, आज वही मधुर आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई है। लता दीदी ने अपनी आवाज के दम पर देश और दुनिया पर राज किया है। उनका निधन आज हर किसी को अपनी व्यक्तिगत क्षति का अहसास करा रहा है। Grand News Group के CMD होरा ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे देश के लिए ही नहीं, अपितु पूरी दुनिया के लिए अपूर्णनीय क्षति कहा है।
लता दीदी ने अपने जीवन काल में 36 भाषाओं की गीतों को अपनी आवाज दी है। हर भाषा की गीत में उनकी आवाज का जादू वैसे ही निखरता था, जैसे हीरे की चमक होती है। 13 वर्ष की छोटी सी आयु में उन्होंने पहली बार अपनी आवाज के जादू से हर किसी को आश्चर्यचकित कर दिया था, आज 92 वर्ष की आयु में जब उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा, तो उनके खाते में 50 हजार से ज्यादा गानों का संग्रह है।
मौजूदगी का अहसास दिलाती रहेंगी
आज सुबह उनके निधन की खबर पूरे देश में आग की तरह फैल गई और पूरा देश शोक संत्प्त हो गया है। Grand News Group के CMD होरा ने कहा कि लता दीदी को कई नाम मिले हैं। उन्हें सुर सरस्वती, स्वर कोकिला, स्वर साम्राज्ञी, स्वरांजलि सहित और भी कई सम्मानजनक नाम मिले थे, पर असल में उनकी आवाज ही उनकी पहचान थी। आज भले ही लता दीदी खामोश हो गईं हैं, लेकिन उनकी आवाज हमेशा उनके तरानों में होंगी और उनकी मौजूदगी का अहसास दिलाती रहेंगी।
आज उनका चले जाना विधि का विधान है। लता दीदी ने बरसों तक जो सुर साधना की है, वह आने वाले कई दशकों तक अमिट छाप की तरह गुंजायमान होते रहेंगे। उनके निधन पर Grand News Group के CMD होरा सहित पूरा Grand News परिवार उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।