भारत के लिए आज का दिन वास्तव में एक बड़े शोक का दिन है। 92 बरस पहले गुलाम भारत में जन्म लेने वाली लता जी आज अपने पीछे यादों के तराने छोड़कर इस दुनिया से रुख्सत हो गईं हैं, जिस पर आसानी से विश्वास नहीं किया जा सकता, लेकिन ईश्वर की रचना का यह शास्वत सत्य है, जिसे हर किसी को सम्मानपूर्वक स्वीकार करना होता है।
लता जी की सरलता और सहजता उनकी निजी संपत्ति थीं, जिसकी वजह से उन्होंने हर दिल पर राज किया, तो उनकी आवाज ने उनका साथ निभाया और लता जी विश्वभर में सुर—कोकिला के नाम से प्रसिद्ध हो गईं। आज भले ही लता जी ने देह त्याग दिया है, लेकिन उनके गाए हुए हर गीत आने वाले कई दशकों तक यादों में बने रहेंगे।
मेरी आवाज ही पहचान है
92 बरस की उम्र में देह त्यागने वाली भारत रत्न, स्वर साम्राज्ञी लता दीदी करोड़ों की संपत्ति की मालकिन रहीं। आज उनका नेटवर्थ 370 करोड़ रुपए का है। 13 बरस की उम्र से गीत गाते हुए उन्होंने 36 भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा गानों को अपनी आवाज दी है। उन्होंने जिस गीत को अपनी आवाज दी, उसकी गूंज सारी दुनिया में सुनाई देती रही। शायद इसलिए उन्होंने ‘नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा, मेरी आवाज ही पहचान है’ गाया था।
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लता जी को संगीत से जितना प्यार था, उतना ही उन्हें कारों का शौक था, तो क्रिकेट से उनके लगाव की अपनी अलग ही कहानी है। महज 13 साल की उम्र में उन्होंने डेब्यू किया था, तो उन्हें पहला मेहनताना 25 रुपए मिला था। जानकारी के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 370 करोड़ रुपये है। लता जी का घर मुंबई के पेडर रोड पर है जिसका नाम प्रभाकुंज भवन है। तो उनके गैराज में पुरानी से नई हर तरह की कारें उनके शौक को बताती हैं।
क्रिकेट से गहरा नाता
लता जी को हमेशा से क्रिकेट से प्यार रहा है। इसे पीछे एक बड़ी कहानी छिपी है, जिसका संबंध उनके जीवन से है। लता जी ने शादी क्यों नहीं की, यह सवाल आज भी उनके दुनिया को अलविदा कहने के बाद भी जीवित है, तो वजह भी क्रिकेट ही थी। उन्होंने अपनी आवाज के जादू से क्रिकेट को भी काफी कुछ दिया था।