इस बार उत्तर भारत में ठंड पिछले कुछ सालों के मुकाबले कड़ाके की पड़ी है। सर्द हवाओं ने सभी को घर पर रज़ाई के अंदर बैठने पर मजबूर कर दिया है। ऐसे में कई लोग घर के अंदर इंफ्रारेड हीटिंग का भी इस्तेमाल करते हैं। वैसे हम में से ज़्यादातर लोग जाने अनजाने में दिन में न जाने कितनी बार इंफ्रारेड तकनीक का प्रयोग कर लेते हैं। जी हां, टीवी रिमोट कंट्रोल इंफ्रारेड लाइट्स का प्रयोग होकर ही चैनल बदलता है। टोस्टर भी हीट को इंफ्रारेड रेडिएशन के माध्यम से ही ट्रांसफर करता है। लैंप्स में भी ऐसे बल्ब होते हैं जो लगभग 95% इलेक्ट्रिकल एनर्जी को इंफ्रारेड लाइट से ही एमिट करते हैं। इंफ्रारेड लैंप बाथरूम गर्म करने के लिए, खाना गर्म रखने के लिए और छोटे-छोटे पालतू पशुओं को गर्म रखने के लिए भी प्रयोग किए जाते हैं। इनसे विज़िबल और इंफ्रारेड लाइट दोनों ही एमिट होती हैं।
क्या इंफ्रारेड पहुंचा सकती है आंखों को नुकसान
शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स में सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. शांतनु मुखर्जी का कहना है कि इंफ्रारेड, विज़िबल और अल्ट्रावॉयलेट सभी तरह की इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन आंखों में नुकसान पहुंचा सकती हैं। हालांकि, ऐसा होना आम नहीं है। इंफ्रारेड लाइट आंखों को तब ही नुकसान पहुंचाती है जब वह काफी ज़्यादा इंटेंस होती है। इंफ्रारेड लाइट को हम देख भी नहीं सकते हैं इसलिए सावधानी बरतनी काफी आवश्यक हो जाती है।
आंखों को कैसे पहुंचता है नुकसान
शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स में सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. सौम्या शर्मा का कहना है कि सर्दियों के के दौरान रज़ाई में घुस कर कमरे में हीटर चला कर बैठने से आरामदायक कुछ नहीं होता, लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक पूरी रात हीटर चला कर रखने से न तो आपको रात में अच्छी नींद आएगी, आपकी स्किन भी ड्राई होगी और एलर्जी होने के साथ-साथ आपकी आंखों को भी नुकसान पहुंच सकता है। यह आपकी आंखों को इरिटेट कर सकता है। जब आप इलेक्ट्रिक हीटर ऑन करते हैं तो उसमें से निकलने वाली गर्म हवा आपके आस पास की नमी को कम करती जाती है।