भारतरत्न, स्वर कोकिला लता ताई पंचतत्व में विलीन हो गईं। इसी के साथ संगीत के एक युग का अंत हो गया। उन्हें भाई हृदयनाथ मंगेशकर और भतीजे आदित्य ने मुखाग्नि दी। इस दौरान लता ताई की बहनें उषा, आशा और मीना भी मौजूद थीं। लता जी का निधन (Lata ji passed away) संगीत जगत में एक शून्य छोड़ गया है।
इससे पहले, सेना के जवान लता जी के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर उनके घर प्रभु कुंज से बाहर लाए। इसके बाद आर्मी, नेवी, एयरफोर्स और महाराष्ट्र पुलिस के जवानों ने उनकी अर्थी को कंधा दिया। उनका पार्थिव शरीर फूलों से सजे सेना के ट्रक में रखकर शिवाजी पार्क ले जाया गया। मुंबई के हजारों लोग लता ताई को अंतिम विदाई देने सड़कों पर उतर आए।
A TRIBUTE : हमेशा के लिए खामोश हो गईं स्वर साम्राज्ञी, पीछे छोड़ चली सुरों का साम्राज्य
8 जनवरी को पॉजिटिव हुई थीं लता जी
लता जी की कोरोना रिपोर्ट 8 जनवरी को पॉजिटिव आई थी। इसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि भर्ती होने की खबर भी दो दिन बाद, यानी 10 जनवरी को सामने आई। मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी अस्पताल में डॉ. प्रतीत समधानी की देखरेख में ही डॉक्टर्स की टीम लता जी का इलाज कर रही थी। इलाज के दौरान उनकी हेल्थ में सुधार भी देखा जा रहा था। उन्हें लगातार ऑब्जर्वेशन में रखा गया। करीब 5 दिन पहले उनकी सेहत में सुधार होना भी शुरू हो गया था। ऑक्सीजन निकाल दी गई थी, लेकिन ICU में ही रखा गया, लेकिन रविवार को सुबह 8.12 बजे उनका निधन हो गया।