आने वाले कुछ महीनों में इलेक्ट्रिक गाड़ियां (Electric Vehicles) 30 फीसदी तक सस्ती हो सकती हैं। आम बजट में बैट्री स्वैपिंग (अदला-बदली) के ऐलान के बाद केंद्र सरकार टैक्स में छूट समेत कई अन्य रियायतें देने पर विचार कर रही है।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के मकसद में बैट्री की कीमत सबसे बड़ी अड़चन रही है। इसका हिस्सा गाड़ी की कुल कीमत में से 30-40 होता है। अब बैट्री स्वैपिंग व्यवस्था से गाड़ी में से बैट्री की कीमत हट जाएगी यानी वाहन लेते समय गाड़ी की कीमत ही देनी होगी। इसके बाद ग्राहक अलग-अलग कंपनियों से बैट्री किराये पर ले सकेंगे। किराया बैट्री की क्षमता-आकार के हिसाब से होगा। इस पर अप्रैल से सरकार मंथन करेगी।
बड़ा लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य 2030 तक 30 फीसदी निजी वाहन, 70 तक व्यावसायिक वाहन और 40 फीसदी बसें इलेक्ट्रिक हो जाएं। दो-पहिया और तीन-पहिया वाहनों में 80 फीसदी इलेक्ट्रिक हों।
बड़ी पहल
● 160 का उछाल देखा गया था इन वाहनों के पंजीकरण में 2021 में।
● 600 से ज्यादा चार्जिंग पॅाइंट सरकार प्रमुख राजमार्गों पर बना रही, कई राज्य भी इसमें तेजी से काम कर रहे।
ये प्रयास भी हो रहे
● लिथियम बैटरी की जरूरत का 81 उत्पादन भारत में हो रहा, और सस्ती बैट्री बनाने पर कई संस्थान कर रहे रिसर्च।
● परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि इलेक्ट्रिक वाहन पर जीएसटी महज 5 जबकि पेट्रोल वाहनों पर 48 ।
● दिल्ली-पुणे को इलेक्ट्रिक व्हीकल स्पेशल मोबिलिटी जोन बनाने की तैयारी, यहां केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का ही पंजीकरण होगा।