रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने भूमकाल स्मृति दिवस (bhoomkaal smriti diwas) पर छत्तीसगढ़ के शहीद आदिवासी जननायक अमर शहीद गुंडाधुर को नमन किया है। उन्होंने कहा है कि आजादी सेे पहले अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में भी विरोध का स्वर उठा। इस विरोध को बुलंद करने में आदिवासी जननायकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
सीएम ने कहा कि इन्हीं जननायकों में से एक अमर शहीद गुुंडाधुर के नेतृत्व में सन् 1910 में बस्तर में हुए भूमकाल विद्रोह में आदिवासियों ने जल, जंगल और जमीन के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ डटकर संघर्ष किया। आदिवासी चेतना के प्रतीक के रूप में शहीद गुंडाधुर (Martyr Gundadhur) जनमानस में हमेशा जीवित रहेंगेे। उनका बलिदान हमेशा आदिवासियों को शोषण के विरुद्ध आवाज बुलंद करने का साहस देता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने अमर शहीद गुण्डाधुर की प्रतिमा का किया वर्चुअल लोकार्पण
सरकार आदिवासियों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासियों के हितों और अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने लोहंडीगुड़ा के आदिवासी किसानों की जमीन वापसी, बड़े पैमाने पर वन अधिकार पट्टे और वनोपजों से आय का वाजिब दाम वनवासियों को दिलाने के लिए त्वरित निर्णय लिए हैं। राज्य सरकार की ओर से लिए गए फैसलों और सकारात्मक पहल से आदिवासी भाईयों को आय का नया जरिया मिलने से उनका जीवन-स्तर ऊंचा उठ रहा है।
अधिकारों की रक्षा के प्रति सजग रहने की प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमर शहीद गुंडाधुर ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आदिवासी जनमानस में जो अलख जगाई है, वह हमेशा जलती रहेगी। उनकी स्मृति में मनाया जाने वाला भूमकाल दिवस (bhoomkaal smriti diwas) सदा अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सजग रहने की प्रेरणा देता रहेगा।