करदाता को किसी भी मूल्यांकन वर्ष में एक बार ही आयकर रिटर्न (ITR) को अपडेट करने की अनुमति दी जाएगी। उद्योग संगठन सीआइआइ के एक कार्यक्रम में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन जेबी मोहापात्रा ने कहा कि इस सुविधा का एकमात्र उद्देश्य यह है कि अगर कोई करदाता किसी कारणवश आइटीआर में कुछ जानकारी देने से चूक गया हो या उससे गलती हो गई हो तो उसे सुधार का मौका मिलना चाहिए। मोहापात्रा ने कहा कि ऐसे करदाता मूल्यांकन वर्ष में एक बार अपने आइटीआर में संशोधन कर सकते हैं।
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केंद्र सरकार ने आगामी अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष के लिए पेश बजट में करदाताओं को दो वर्षो तक आइटीआर में अपडेट की सुविधा दी है। हालांकि यह सुविधा उन्हीं करदाताओं को मिलेगी जिन्होंने टैक्स का भुगतान कर दिया हो। इसके तहत अगर करदाता एक वर्ष के भीतर आइटीआर अपडेट कर देता है तो उसे टैक्स देनदारी का 25 प्रतिशत शुल्क देना पड़ेगा। दूसरे वर्ष में अपडेट करने पर शुल्क की रकम बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगी।
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CBDT ने 1.67 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड किया जारी
CBDT ने 1 अप्रैल 2021 से 7 फरवरी 2022 तक 1.87 करोड़ से अधिक करदाताओं को 1.67 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड जारी किया। 1,85,65,723 मामलों में जारी किए गए 59,949 करोड़ रुपये के आईटी रिफंड, 2,28,100 मामलों में 1,07,099 करोड़ रुपये के कॉर्प टैक्स रिफंड जारी किए गए। वही, ई-फाइलिंग पोर्टल लांच होने से लेकर अब तक 6.17 करोड़ रिटर्न और लगभग 19 लाख टैक्स आडिट रिपोर्ट दाखिल की गई हैं। नया आयकर पोर्टल पिछले साल सात जून को लांच किया गया था। आकलन वर्ष 2021- 22 के लिए दाखिल किए गए 6.17 करोड़ रिटर्न में से 48 प्रतिशत आइटीआर-1 (2.97 करोड़), नौ प्रतिशत आइटीआर-2 (56 लाख), 13 प्रतिशत आइटीआर-3 (81.6 लाख), 27 प्रतिशत आइटीआर-4 (1.65 करोड़), आइटीआर-5 (10.9 लाख), आइटीआर-6 (4.84 लाख) और आइटीआर-7 (1.32 लाख) हैं।