देश में बेरोजगारी की समस्या को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) को घेरती आई है। इसी कड़ी में पिछले दिनों भी विपक्ष ने बढ़ती बेरोजगारी और इसकी वजह से होने वाली आत्महत्या की घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार से सवाल किया था। जिसका जवाब केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने दिया है। संसद में दिया गया गृह मंत्रालय का जवाब चौंकाने वाला है। साथ ही केंद्र सरकार के लिए चिंता का विषय भी है। देश में बेरोजगारी के कारण आत्महत्या (suicide due to unemployment) के मामले लगातार देखने को मिले हैं।
देश में बेरोजगारी के कारण खुदकुशी के मामले को लेकर गृह मंत्रालय ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में जवाब दिया है। जवाब में कहा गया है कि बेरोजगारी के चलते पिछले 3 सालों में 9 हजार से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या (Suicides) की है।
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बेरोजगारी, कर्ज और दिवालिया होने के चलते उठाया ये कदम
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के आंकड़ों का हवाला देते हुए राज्यसभा में बुधवार को एक लिखित जवाब दिया। जवाब में सरकार ने बताया है कि साल 2018, 2019 और 2020 में बेरोजगारी के चलते कुल 9 हजार 140 लोगों ने आत्महत्याएं की। इतना ही नहीं जवाब में ये भी बताया गया कि इन तीन सालों में कर्ज और दिवालिया होने के चलते कुल 16 हजार 91 लोगों ने खुदकुशी की है।
किसानों ने भी की आत्महत्या
केंद्र सरकार की ओर से दिए गए इन आंकड़ों में मार्च 2020 में कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन के बाद पैदा हुए हालात के केवल शुरुआती आंकड़े शामिल किए गए हैं। माना जाता है कि लॉकडाउन के चलते देश में रोजगार की स्थिति पर बुरा असर पड़ा। जिसके बाद कई लोगों को खुदकुशी के लिए मजबूर होना पड़ा। वहीं, इससे पहले मंगलवार को लोकसभा में भी गृह मंत्रालय की ओर से किसानों की आत्महत्या को लेकर एक लिखित जवाब दिया गया जो सरकार के लिए काफी चिंताजनक है। लोकसभा में गृह मंत्रालय ने बताया कि 2018, 2019 और 2020 के दौरान देशभर में क्रमशः 5 हजार 763, 5 हजार 957 और 5 हजार 579 किसानों ने आत्महत्या की है।